आवाजाही पर रोक
खदान आने-जाने वाले वाहनों को एक व्यक्ति की निजी आराजी से गुजरना पड़ता है। इसके कारण जमीन में रास्ता देने के बदले भू-स्वामी व खदान संचालक के मध्य समझौता हुआ था। इसके बदले प्रतिमाह किराया देना पड़ता है। किंतु बीते सात माह से रकम नहीं दी। भू-स्वामी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी है। इस कारण फिर से विवाद की स्थिति निर्मित हो गई है। २ फरवरी से खदान से उत्खनन को बंद करा दिया गया है।
खदान आने-जाने वाले वाहनों को एक व्यक्ति की निजी आराजी से गुजरना पड़ता है। इसके कारण जमीन में रास्ता देने के बदले भू-स्वामी व खदान संचालक के मध्य समझौता हुआ था। इसके बदले प्रतिमाह किराया देना पड़ता है। किंतु बीते सात माह से रकम नहीं दी। भू-स्वामी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी है। इस कारण फिर से विवाद की स्थिति निर्मित हो गई है। २ फरवरी से खदान से उत्खनन को बंद करा दिया गया है।
लीज शर्तों का उल्लंघन
जिला प्रशासन ने टेंडर जारी कर दुअरा गांव में १३.०४ हेक्टेयर रकबे में पत्थर उत्खनन का जिम्मा बिहार की वैभवा इंट्राटेक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को सौंपा था। कंपनी को यह खदान १० वर्ष अर्थात वर्ष २०१२ से २०२२ तक के लिए लीज पर सौंपी गई है, लेकिन खदान संचालक ने लीज शर्तों का उल्लंघन कर खनन कर रहा है। प्रशासन राजनीतिक दवाब में इसकी जांच करना तक उचित नहीं समझ रहा। खदान संचालक खुद को भाजपा का नेता होना व दिल्ली तक पहुंच होने का रौब दिखाता है।
जिला प्रशासन ने टेंडर जारी कर दुअरा गांव में १३.०४ हेक्टेयर रकबे में पत्थर उत्खनन का जिम्मा बिहार की वैभवा इंट्राटेक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को सौंपा था। कंपनी को यह खदान १० वर्ष अर्थात वर्ष २०१२ से २०२२ तक के लिए लीज पर सौंपी गई है, लेकिन खदान संचालक ने लीज शर्तों का उल्लंघन कर खनन कर रहा है। प्रशासन राजनीतिक दवाब में इसकी जांच करना तक उचित नहीं समझ रहा। खदान संचालक खुद को भाजपा का नेता होना व दिल्ली तक पहुंच होने का रौब दिखाता है।
यहां हो चुकी है हत्या
इस खदान संचालन में कानूनी व्यवस्था भी बिगड़ चुकी है। खदान संचालन के समय वाहनों के आने-जाने के लिए रास्ते की समस्या उत्पन्न हो गई थी, जिस विवाद को लेकर खदान संचालक राकेश तिवारी के बाडी गार्ड को लाठी-डंडे से पीटकर हत्या कर दी गई थी, जिसके कारण यह खदान आतंक के नाम से भी मसहूर है। फिर विवाद की स्थिति निर्मित है किंतु प्रशासन इससे अंजान या जानबूझाकर अंजान बनने की नौटंकी कर रहा है।
इस खदान संचालन में कानूनी व्यवस्था भी बिगड़ चुकी है। खदान संचालन के समय वाहनों के आने-जाने के लिए रास्ते की समस्या उत्पन्न हो गई थी, जिस विवाद को लेकर खदान संचालक राकेश तिवारी के बाडी गार्ड को लाठी-डंडे से पीटकर हत्या कर दी गई थी, जिसके कारण यह खदान आतंक के नाम से भी मसहूर है। फिर विवाद की स्थिति निर्मित है किंतु प्रशासन इससे अंजान या जानबूझाकर अंजान बनने की नौटंकी कर रहा है।
मेरी खदान से नहीं निकला चमकीला पत्थर
जियोस भट्टाचार्य, प्रोजेक्ट मैनेजर, वैभवा इंण्ट्राटेक प्रा. लि. कंपनी बिहार ने बताया कि मेरी खदान से किसी भी तरह का चमकीला पत्थर नहीं निकला है। किसी विवाद की वजह से उत्खनन नहीं बंद किया गया है, बल्कि प्रयागराज में कुंभ मेले के कारण कई मार्ग बदल दिए गए हैं। लिहाजा, पत्थर पहुंचाने में समय व लागत ज्यादा आती है। इस कारण उत्खनन बंद करना पड़ा था।
जियोस भट्टाचार्य, प्रोजेक्ट मैनेजर, वैभवा इंण्ट्राटेक प्रा. लि. कंपनी बिहार ने बताया कि मेरी खदान से किसी भी तरह का चमकीला पत्थर नहीं निकला है। किसी विवाद की वजह से उत्खनन नहीं बंद किया गया है, बल्कि प्रयागराज में कुंभ मेले के कारण कई मार्ग बदल दिए गए हैं। लिहाजा, पत्थर पहुंचाने में समय व लागत ज्यादा आती है। इस कारण उत्खनन बंद करना पड़ा था।