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मध्यप्रदेश: जर्जर भवनों में लग रही पुलिस चौकियां, छाता लगाकर पुलिसकर्मी करते हैं काम

locationसीधीPublished: Sep 10, 2018 04:47:16 pm

Submitted by:

suresh mishra

पुलिस चौकी पथरौला व पोंड़ी बदहाल: जर्जर भवन की छत से टपकता है पानी, नया भवन तैयार पर हैंड ओवर नहीं हुआ

dismantle buildings On two Police outposts in sidhi district

dismantle buildings On two Police outposts in sidhi district

सीधी। पुलिस चौकियों के भवन जर्जर हो चुके हैं। बारिश में छत से पानी टपकता है। अंदर छाता लगाकर पुलिसकर्मी काम कते है। चौकी में ही रहने वाले पुलिस कर्मियों को बारिश होने पर बैठकर रात गुजारनी पड़ती हैं। पानी टपकने से रिकार्डों के खराब होने का खतरा है। जर्जर छत के धराशाई होने की भी आशंका रहती है। बावजूद, न मरम्मत करवाई जा रही है और न ही दूसरे भवन में चौकी शिफ्ट की जा रही है। पुलिस चौकी पोंड़ी व पथरौला की जर्जर छत के नीचे पुलिसकर्मी स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहे है।
स्टाफ रूम नहीं
बताया गया कि, मझौली थाना अंतर्गत पुलिस चौकी पथरौला में पदस्थ पुलिस के जवानों को टपकते पानी के नीचे कामकाज करने की मजबूर सी हो गई है। जवानों के लिए विभाग ने स्टाफ रूम नहीं बनवाए। दिनभर की भाग दौड़ के बाद भवन के पानी टपकती छत के नीचे आराम करना पड़ता है।
रिकार्ड्स बचाने के लिए पन्नी का सहारा

ग्रामीणों के अनुसार, ज्यादा बारिश होने पर कोने में बैठकर रात गुजार लेते हैं। चौकी में सरकारी फाइल सहित अन्य रिकार्ड्स को बचाने के लिए पन्नी का सहारा लेना पड़ता है। वायरलेस में ड्यूटी करने वाले जवानों को छाता लगाकर बैठना पड़ता है। अधिकारी जानते हुए भी अनजान बने रहते है।
पोंड़ी का भी यही हाल
कुसमी थाना की पुलिस चौकी पोंड़ी का हाल और भी बुरा है। नवीन चौकी भवन का निर्माण हो गया है। लेकिन फीता काटने का इंतजार है। पुराने भवन की जर्जर छत के नीचे ही पुलिसकर्मियों को रात में रहना भी पड़ता है। चौकी में वाहन न ही टेलीफोन की। चौकी नक्सल प्रभावित क्षेत्र में है। लेकिन सुविधाओं से दूर है। नवीन भवन के तैयार हो जाने के बाद भी संविदाकार द्वारा भवन विभाग को नहीं सौंपा जा रहा।
छिपाने के लिए बरसात खत्म का इंतजार

नवीन भवन के छत से भी पानी रिसता है। जिसे छिपाने के लिए बरसात खत्म होने का इंतजार किया जा रहा है। चौकी का निर्माण भी गलत जगह पर कराया गया है। चौकी जिस जगह है वहीं उपयुक्त थी। पुलिस का खौफ था। अब रात्रि में टमसार होते हुए सीधी के रास्ता का अपराधी फायदा उठाएंगे।
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