स्टाफ रूम नहीं
बताया गया कि, मझौली थाना अंतर्गत पुलिस चौकी पथरौला में पदस्थ पुलिस के जवानों को टपकते पानी के नीचे कामकाज करने की मजबूर सी हो गई है। जवानों के लिए विभाग ने स्टाफ रूम नहीं बनवाए। दिनभर की भाग दौड़ के बाद भवन के पानी टपकती छत के नीचे आराम करना पड़ता है।
रिकार्ड्स बचाने के लिए पन्नी का सहारा ग्रामीणों के अनुसार, ज्यादा बारिश होने पर कोने में बैठकर रात गुजार लेते हैं। चौकी में सरकारी फाइल सहित अन्य रिकार्ड्स को बचाने के लिए पन्नी का सहारा लेना पड़ता है। वायरलेस में ड्यूटी करने वाले जवानों को छाता लगाकर बैठना पड़ता है। अधिकारी जानते हुए भी अनजान बने रहते है।
पोंड़ी का भी यही हाल
कुसमी थाना की पुलिस चौकी पोंड़ी का हाल और भी बुरा है। नवीन चौकी भवन का निर्माण हो गया है। लेकिन फीता काटने का इंतजार है। पुराने भवन की जर्जर छत के नीचे ही पुलिसकर्मियों को रात में रहना भी पड़ता है। चौकी में वाहन न ही टेलीफोन की। चौकी नक्सल प्रभावित क्षेत्र में है। लेकिन सुविधाओं से दूर है। नवीन भवन के तैयार हो जाने के बाद भी संविदाकार द्वारा भवन विभाग को नहीं सौंपा जा रहा।
छिपाने के लिए बरसात खत्म का इंतजार नवीन भवन के छत से भी पानी रिसता है। जिसे छिपाने के लिए बरसात खत्म होने का इंतजार किया जा रहा है। चौकी का निर्माण भी गलत जगह पर कराया गया है। चौकी जिस जगह है वहीं उपयुक्त थी। पुलिस का खौफ था। अब रात्रि में टमसार होते हुए सीधी के रास्ता का अपराधी फायदा उठाएंगे।