scriptबैलेट पेपर पर नहीं था प्रत्याशी का नाम, बीच में रोकनी पड़ी वोटिंग | Ballot paper was not on the name of the candidate, voting stopped | Patrika News

बैलेट पेपर पर नहीं था प्रत्याशी का नाम, बीच में रोकनी पड़ी वोटिंग

locationसीधीPublished: Nov 01, 2018 02:50:33 am

Submitted by:

Sonelal kushwaha

मप्र के सीधी जिले में तीसरी बार निरस्त हुआ सहकारी समिति का चुनाव, न्यायालय के आदेश पर घोषित हुई थी मतदान तिथि

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सीधी. भरतपुर सेवा सहकारी समिति का चुनाव तीसरी बार निरस्त हो गया। लगातार तीसरी बार चुनाव निरस्त होने से स्थानीय किसानों में आक्रोश व्याप्त है। पीठासीन अधिकारी ने बताया मतपत्रों में उम्मीदवार के नाम अंकित नहीं थे, इस कारण मतदान प्रक्रिया स्थागित करनी पड़ी। उच्च न्यायालय के निर्देश पर सहकारिता विभाग ने 31 अक्टूबर को मतदान की तिथि घोषित की थी। बुधवार सुबह 8 बजे मतदान प्रक्रिया शांतिपूर्ण शुरू हुई। 284 किसानों ने मतदान भी कर लिया, लेकिन कृषक महेंद्र सिंह परिहार व शेषमणि तिवारी वोट डालने पहुंचे तो पाया कि मत पत्र में प्रत्याशियों के नाम ही अंकित नहीं हैं। पीठासीन अधिकारी को जानकारी दी उन्होंने जांच की, शिकायत सही मिलने पर बैलेट पेपर दिखवाए, जिस पर 100 से अधिक मत पत्रों में उम्मीदवारों के नाम नहीं मिले। तर्क दिया गया कि ताला सेवा सहकारी समिति के मतपत्र भी यहां पहुंच गए, इससे ऐसा हुआ। गड़बड़ी सामने आने के बाद पीठासीन अधिकारी ने मतदान प्रक्रिया स्थागित कर सूचना मतदान केंद्र में चस्पा कर दी।

तीसरी बार चुनाव प्रक्रिया का मजाक
विभागीय लापरवाही से भरतपुर सेवा सहकारी समिति का चुनाव लगातार तीसरी बार निरस्त करना पड़ रहा है। इस बार तो न्यायालय के निर्दैश पर तिथि घोषित की गई थी। फिर भी चुनाव नहीं हो पाया। बताया गया, पहली तिथि अक्टूबर 2017 में तय की गई थी। लेकिन ऐनवक्त पर पीठासीन अधिकारी बीमार हो गए, चुनाव नहीं हो पाया। दूसरी बार उच्च न्यायालय ने स्थगन दे दिया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने चुनाव कराने के निर्देश दिए, जिस पर सहकारिता विभाग ने 31 अक्टूबर को मतदान की तिथि निर्धारित की। मतदान प्रक्रिया भी शुरू हुई, लेकिन मतपत्र में गड़बड़ी सामने आने के बाद बीच में ही इसे रोकना पड़ा। बैलेट पेपर पर प्रत्याशियों के नाम न होना गंभीर मामला है। समिति के सदस्य इसे अधिकारियों की सोची समझी साजिश बता रहे हैं।
दोषी अफसरों पर कार्रवाई होनी चाहिए
मैं वोट डालने गया तो मतपत्र पर प्रत्याशियों के नाम ही नहीं थे। पीठासीन अधिकारी ने चुनाव तो निरस्त कर दिया, लेकिन लापरवाही पर कार्रवाई भी होनी चाहिए।
महेंद्र सिंह, कृषक मतदाता, सगौनी
चुनाव निरस्त कर दिया है

मत पडऩे के बाद गड़बड़ी सामने आई। जांच में पता चला, मत पत्र क्रमांक 276 से 282 तक अभ्यर्थी का नाम गलत था, चुनाव निरस्त कर दिया है।
एसपी माझी, निर्वाचन अधिकारी

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