ठ्हथेड़ा गांव में रहने वाले रोहित कुशवाह व संदीप कक्षा 8 में पढ़ते हैं जबकि निशा कुशवाह 10 वीं की छात्रा है। बच्चों ने अपने दांत दिखाते हुए कहा कि हमारे दांत पीले हो रहे हैं, यह पानी की वजह से हो रहा है। हमें यह भी डर लग रहा है कि अब हमारे दांत पता नहीं कब टूटकर झड़ जाएं।
ठ्कक्षा 12 में पढऩे वाले संजू बाथम ने बताया कि मेरे दांतों में पीलापन आने के बाद वो टूटने भी लगे हैं। अब यही चिंता सताती है कि यदि दांत टूट जाएंगे तो फिर मैं खाना कैसे खा पाऊंगा और आगे का जीवन कैसे गुजरेगा।
ठ्ठगांव के मुन्ना रजक ने बताया कि 16 साल पूर्व तक मैं बिल्कुल ठीक था। लेकिन अब पूरे शरीर में ऐसी जकडऩ आ गई कि पैदल चलना व बैठकर खाना भी नहीं खा सकता। यहां तक कि मैं शौच के लिए भी नहीं बैठ पाता हूं। यह पानी तो हमारी जान लेकर ही रहेगा। क्योंकि शरीर खराब हो जाने से मेरी शादी भी नहीं हुई है।
जलशोधन संयत्रों की देखरेख व मेंटीनेंस के लिए पीएचई द्वारा अस्थाई रूप से कर्मचारी नियुक्त किए गए। इनमें शामिल कल्याण सिंह बघेल, संजू सिंह राजपूत, यादवेंद्र परमार ने बताया कि हमें डेढ़ साल से वेतन नहीं दिया गया। हम लोग बिना वेतन के काम क्यों और कब तक करेंगे। इसलिए जलशोधन की योजना भी बंद पड़ी है।
बृजेश राजा परमार, सरपंच हथेड़ा
डॉ प्रदीप शर्मा, बीएमओ करैरा