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शहर सहित जिलेभर के बाजार रहे बंद

locationशिवपुरीPublished: Sep 06, 2018 10:40:48 pm

Submitted by:

Rakesh shukla

गली-मोहल्लों की दुकानें व पेट्रोल पंप भी रहे बंद , पुलिस पेट्रोलिंग कर लेती रही हालातों का जायजा

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शहर सहित जिलेभर के बाजार रहे बंद

शिवपुरी. एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ गुरुवार को शिवपुरी शहर सहित पूरा जिला पूरी तरह से बंद रहा। इस बंद को सफल बनाने में व्यापारियों सहित सभी वर्गों ने अपना पूर्ण समर्थन दिया। सुबह बंद के दौरान अग्रसेन चौक के पास कुछ युवाओं ने आरक्षण व सरकार विरोधी नारे भी लगाए। बंद के दौरान पुलिस अलर्ट रही तथा मोबाइल वेन से लगातार भ्रमण कर हालातों की मॉनीटरिंग की। देर दोपहर बंद के दौरान कुछ एसडीएम शिवपुरी एलके पांडेय को ज्ञापन सौंपा, जिसमें संशोधन को हटाए जाने की मांग की।
भारत बंद के चलते गुरुवार की सुबह से ही शिवपुरी शहर के मुख्य बाजार कोर्ट रोड सहित कमलागंज, पुरानी शिवपुरी, फिजिकल व झांसी तिराहा क्षेत्र की दुकानें पूर्णत: बंद रहीं। इतना ही नहीं पेट्रोल पंप से लेकर पान की दुकानें तक बंद रहीं। माधव चौक पर मौजूद चाय की दुकानें शुरुआत में तो बंद रहीं, लेकिन बाद में जब ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों सहित अन्य लोगों को बारिश के बीच चाय की चाहत जागी तो एक-दो दुकानों को खोल लिया गया। माधव चौक स्थित पुलिस सहायता केंद्र में एसडीएम, एसडीओपी सहित टीआई पूरे समय मौजूद रहे। वहीं एसपी राजेश हिंगणकर एवं एडीएम अशोक सिंह चौहान वाहनों से शहरभर में घूमकर हालातों पर नजर रखे रहे। सुबह बाजार बंद के दौरान आधा दर्जन से अधिक युवाओं ने अग्रसेन चौक के पास सडक़ पर खड़े होकर आरक्षण मुर्दाबाद व सरकार विरोधी नारे लगाए। सूचना मिलने पर जब तक पुलिस व प्रशासन वहां पहुंचे तब तक वे युवा बाजार में ही कहीं खो गए। महत्वपूर्ण बात यह रही कि बाजार बंद किसी के दवाब में न करते हुए व्यापारी वर्ग ने स्वयं की इच्छा से अपने प्रतिष्ठान बंद रखकर एक्ट में किए गए संशोधन का विरोध जताया।
171 कैमरों से रखी बाजार पर नजर
शहर में लगाए गए 171 सीसीटीवी कैमरों का कंट्रोल रूम बायपास स्थित पुलिस कंट्रोल रूम में बनाया गया है। इन कैमरों की रेंज अधिक होने की वजह से पुलिस के अधिकारियों ने इसी जगह बैठकर पूरे बाजार पर नजर रखी। इस दौरान जहां भी उन्हें युवा कुछ कहते या करते नजर आए, उन्होंने वायरलेस सेट से बीट प्रभारी को मैसेज कर मौके पर भेजा। उधर भारत बंद के दौरान अधिकांश व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद करके न केवल इंज्वाय किया, बल्कि कुछ तो परिवार सहित पिकनिक मनाने के लिए चले गए। जिसके चलते शाम को चार बजे बंद खत्म होने के बाद भी कई बड़े प्रतिष्ठान नहीं खुले, बल्कि वो पूरे दिन तक बंद रहे। चूंकि व्यापारियों ने अपनी स्वेच्छा से बंद रखा, इसलिए बंद पूर्णत: सफल रहा।
बामौरकलां में भी बाजार रहा बंद
बामौरकलां के व्यापारी मंडल अध्यक्ष इन्द्रसेन जैन ने बताया कि समस्त व्यापारी गणों ने अपनी स्वेच्छा से प्रतिष्ठान बंद रखे। आज सभी लोगों ने जिस तरह पार्टी व राजनीति से ऊपर उठकर जो माहौल बनाया है, वह वास्तव में आने वाले भविष्य के लिए एक सुखद संकेत है। बामौरकलां के सभी संस्थान चाहे वह दुकाने हों, कोचिंग संस्थान, स्कूल या किसी भी तरह का कोई भी व्यापार हो, सभी ने एकता का प्रदर्शन करते हुए शांतिपूर्ण माहौल में अपने प्रतिष्ठान बंद रख विरोध जताया। पुलिस सुबह से ही निश्चित अंतराल में पेट्रोलिंग करती नजऱ आई।
खनियांधाना पूरी तरह रहा बंद
खनियांधाना. खनियाधाना में भी बाजार बंद पूर्णत: सफल रहा। बंद के दौरान जहां सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे वहीं होटल, पेट्रोल पंप, गुमटियां भी बंद रहीं, जिसके चलते लोग भी परेशान नजर आए। इस दौरान खनियांधाना से चलने वाली करीब दो दर्जन बसें भी स्टैंड पर खड़ी रहीं। सुबह 11 बजे से करीब 2 घंटे तक लगातार बारिश होती रही जिसके चलते बंद पूर्णत: सफल रहा। दोपहर बाद राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन तहसीलदार कैलाश मालवीय को तहसील कार्यालय जाकर सौंपा।
पूरी तरह स्वैच्छिक बंद रहा बदरवास
बदरवास. नगर में भी बंद सफल रहा। बंद को समर्थन देते हुए व्यापारियों ने स्वैच्छिक बाजार बंद रहा। सुबह से ही बंद को लेकर हलचल रही, दुकानदारों ने दुकानों के शटर ही नहीं खोले। बदरवास के इतिहास में बिना किसी अपील या दवाब के ऐसा पहली बार हुआ है कि लोगों ने स्वैच्छिक शांतिपूर्णबंद रखकर अपना पूर्ण समर्थन दिया। पूरे दिन बाजार बंद रहने से सम्पूर्ण क्षेत्र के लोगों को खाली हाथ बिना सामान के लौटना पड़ा।
कोलारस में पूरा बाजार बंद
कोलारस. एससीएसटी एक्ट के विरोध में कोलारस बंद शत-प्रतिशत सफल रहा। इस दौरान चाय, पान की दुकान से लेकर निजी स्कूल, कॉलेज एवं पेट्रोल पंप बंद रहे। पुलिस द्वारा सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए। इस बार पहली बार भाजपा एवं कांग्रेस समर्थकों के प्रतिष्ठान एवं दुकान भी बंद नजर आईं। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस चौकस रही। धारा 144 के चलते कुछ लोगों ने राष्ट्रपति के नाम एसडीएम को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससीएसटी एक्ट में किए गए संशोधन को वापस लिए जाने की मांग की।
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