हकीकत जानने के लिए मंत्री ने बच्चों से पूछा कि खाना रोजाना मिलता है, जवाब मिला नहीं। बच्चों की यह बात सुन मंत्री के साथ मौजूद चंबल संभाग कमिश्नर रेनू तिवारी ने ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से नाराज हुई और उसे हटाने के निर्देश दिए। खुर्रका में आंगनबाड़ी केंद्र देखा और कुपोषित बच्चों की जानकारी ली।
इसे भी पढ़ें: कांग्रेस में लगी है ‘आग’, कमलनाथ सरकार पर भी पहुंची आंच! इस दौरान मंत्री ने सहसराम सेक्टर की पर्यवेक्षक को बुलाया। पर्यवेक्षको आने में देरी पर पर्यवेक्षक रेखा अग्रवाल को निलंबित करने के निर्देश मंत्री ने दिए। इसके बाद मंत्री बढौदाकला पहुंची। जहां उन्होंने गांव का भ्रमण किया एवं यहां निवासरत लोगों से चर्चा कर मिलने वाली सुविधाओं की हकीकत जानी। शिवलालपुरा सहराने में पहुंचकर मंत्री ने उन बच्चों के परिजनों से मुलाकात की जिनकी मौत बीमारी के चलते हुई।
इसे भी पढ़ें: मध्यप्रदेश: मैं भी बनूंगा मंत्री…लेकिन बनाएगा कौन? सीएम ने तो विस्तार से कर दिया है मना वहीं, मंत्री ने ग्रामीणों से कहा कि कमजोर और कुपोषित बच्चों को एनआरसी में भर्ती कर उपचार और पोषण-आहार दिलवाएं। उन्होंने कहा कि सहरिया परिवारों के लिए एनआरसी के साथ-साथ स्वास्थ्य केंद्रों में भी चिकित्सा और पोषण आहार की व्यवस्था की गई है। इमरती देवी ने सहरिया परिवार की महिलाओं से चर्चा करते हुए कहा कि बच्चों को पोषण-आहार के लिए एक हजार की राशि दी जा रही है।