उन्होंने कहा कि अपनी ताकत और अपनी कमजोरियों का खुद आकलन करो और कमियों में निरंतर सुधार करते रहो। इस तरह निरंतर चलते रहने से जरूर सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा कि समस्याओं को कभी खुद पर हावी मत होने दीजिए, बल्कि समस्याओं पर खुद हावी रहो। उन्होंने बताया कि 2014 में ग्रेज्युएशन के अंतिम वर्ष में अध्यनरत रहते हुए मैंने एमपीपीएससी परीक्षा दी और सफलता पाई, जबकि डिग्री 2015 में प्राप्त हुई। इसलिए आप पहले से लक्ष्य बना लें कि मुझे ये करना है तो सफलता आपके कदम चूमेगी। इस दौरान कोचिंग समन्वयक परीक्षित भारती आदि मौजूद रहे।
अब मरीज के फीडबैक से होगा अस्पताल का भुगतान
राज्य बीमारी सहायता योजना को प्रभावी बनाने के लिए संशोधन किया है। अब योजना की प्रक्रिया ऑनलाइन रहेगी। साथ ही मरीज के आवेदन के बाद संबंधित अस्पताल में मरीज के लिए समय सीमा में आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। विशेष बात यह है कि अब संबंधित निजी अस्पताल को भुगतान करने के लिए भी मरीज से फीडबैक लिया जाएगा।
राज्य बीमारी सहायता योजना को प्रभावी बनाने के लिए संशोधन किया है। अब योजना की प्रक्रिया ऑनलाइन रहेगी। साथ ही मरीज के आवेदन के बाद संबंधित अस्पताल में मरीज के लिए समय सीमा में आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। विशेष बात यह है कि अब संबंधित निजी अस्पताल को भुगतान करने के लिए भी मरीज से फीडबैक लिया जाएगा।
दरअसल कुछ अस्पताल योजना में शामिल होने के बाद मरीज को जरूरत मुताबिक इलाज नहीं देकर राशि वसूली में लगे रहते थे। जिसके चलते योजना में बदलाव किया गया है। अब तक सरकार अस्पतालों को किसी भी बीमारी में एक मुश्त राशि देती थी। अब तीन किस्तों में जारी होगी। पहली किस्त में मरीज को जिला मेडिकल बोर्ड द्वारा स्कैन करने के बाद कुल खर्च 50 फीसदी राशि, दूसरी किस्त 30 फीसदी राशि जो संबंधित अस्पताल द्वारा मरीज को भर्ती ऑपरेट करने से डिस्चार्ज होने पर तथा तीसरी किस्त 20 फीसदी राशि मरीज द्वारा फीडबैक फार्म में हालत संतोषजनक बताने पर दी जाएगी।