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video : पानी में डूबे दो सगे भाई, छुट्टी होने के कारण खेत में सोयाबीन बीनने गए थे

locationशाजापुरPublished: Sep 30, 2018 03:09:55 pm

Submitted by:

Lalit Saxena

शाजापुर से करीब 20 किलोमीटर दूर ग्राम पनवाड़ी की घटना, जिले में अब तक 16 बच्चों की मौत

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शाजापुर। रविवार छुट्टी होने के कारण परिवार के लोगों के साथ घर से सोयाबीन बीनने निकले दो सगे मासूम भाइयों की पानी में डूबने से दर्दनाक मौत हो गई। यह हादसा रविवार सुबह शाजापुर जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर ग्राम पनवाड़ी में हुआ। खबर फैलते ही गांव में मातम छा गया। परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।

शवों को भेजा जिला अस्पताल
जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर ग्राम पनवाड़ी में दो सगे भाई पानी पीने के लिए तालाब पर गए थे। उसी दौरान पैर फिसलने से दोनों पानी में गिर गए। जिनकी मौके पर मौत हो गई। सुनेरा पुलिस और डायल-100 तुरंत मौके पर पहुंची। सुनेरा थाना अंतर्गत पनवाड़ी स्थित उमरिया गांव की यह घटना है। शवों को जिला अस्पताल शाजापुर लाया गया, जहां उनका पोस्टमार्टम किया जाएगा।

पानी पीने गए थे दोनों
शाजापुर जिला मुख्यालय से 16 किलोमीटर दूर पनवाड़ी के समीप ग्राम उमरिया में दो सगे भाइयों की पानी में डूबने से मौत हो गई। बताया जा रहा है कि दोनों भाई तलाब में पानी पीने के लिए गए थे। परिजनों ने बताया कि दोनों भाई सादिक 7 और शकील 9 वर्ष। रविवार को छुट्टी होने के कारण पनवाड़ी के पास ग्राम उमरिया में एक खेत पर सोयाबीन बीनने गए थे, तभी प्यास लगने पर पास की दूधतलाई नामक तालाब में पानी पीने चले गए, इसी दौरान यह हादसा हो गया।

गरीब परिवार के थे दोनों बच्चे
पड़ोस के खेत में काम कर रहे ग्रामीणों ने बच्चों की लाश तालाब में तैरती देखी, तो उन्हें बाहर निकाला। डायल 100 को सूचना दी और उन्हें जिला अस्पताल लाया गया, लेकिन तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी। ग्रामीणों ने बताया कि दोनों भाई के परिजन गरीब हैं और मेहनत मजदूरी करके घर चलाते हैं।

जिले में अब तक 16 बच्चों की मौत
शाजापुर जिले में भले ही बारिश कब हुई हो, लेकिन सड़क किनारे खुले गड्ढे और तालाबों में पानी जमा हो गया, जो अब मासूमों की मौत का कारण बन रहा है। जिलेभर में अब तक पिछले 3 माह में 16 बच्चों की मौत पानी में डूबने से हो चुकी है। जिले में इन हादसों को साल का सबसे बड़े हादसों के रूप में माना जा रहा है। जिसमें अनेक घरों के चिराग बुझ गए। लगातार एक के बाद एक 16 बच्चों की मौत अब तक हो चुकी है। इधर प्रशासन द्वारा अभी तक अवैध रूप से खोदे हुए गड्ढों को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

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