scriptशादियों में डीजे का उल्लास बन रहा छात्रों के लिए मुसीबत | Trouble for the students making the DJ's glee in weddings | Patrika News

शादियों में डीजे का उल्लास बन रहा छात्रों के लिए मुसीबत

locationशाजापुरPublished: Feb 20, 2019 11:00:02 am

Submitted by:

Lalit Saxena

परीक्षाओं का दौर शुरू, नहीं लगा ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर प्रतिबंध, डीजे और बैंड के शोर के कारण एकाग्रता के साथ पढ़ाई नहीं कर पा रहे विद्यार्थी

patrika

Marriage,student,DJ,noise,problem,

शाजापुर. शहर सहित पूरे जिले में परीक्षाओं का दौर शुरू हो गया है। विद्यार्थी भी अपनी-अपनी पढ़ाई में जुटे हुए हंै। इस दौरान विद्यार्थियों को एकाग्रता की जरूरत होती है, लेकिन शहर में आए दिन निकलने वाले जुलूस व अन्य आयोजनों में डीजे और बैंड के शोर के कारण विद्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्कूलों के समय में भी डीजे और बैंड के कारण परीक्षा की तैयारियों में खलल पड़ रहा है। इसके बाद भी अभी तक ध्वनि प्रदूषण बढ़ाने वाले इन विस्तारक यंत्रों पर प्रशासन ने प्रतिबंध नहीं लगाया है। बढ़ते शोर-शराबे का खामियाजा विद्यार्थियों को उठाना पड़ रहा है।
इन दिनों स्कूलों में केंद्रीय बोर्ड की 10वीं और 12वीं की प्री-बोर्ड परीक्षा चल रही है। अन्य स्कूलों में भी छोटी कक्षाओं की परीक्षा की तैयारियां चल रही हैं तो कहीं पर परीक्षाएं भी शुरू हो चुकी है। माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षा भी 1 मार्च से शुरू हो रही है। परीक्षा की तैयारी में लगे विद्यार्थियों के लिए ध्वनि प्रदूषण परेशानी बनता जा रहा है। शहर में लगभग प्रतिदिन ही विभिन्न धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के चलते चल समारोह निकाले जा रहे हैं। इनमें बैंड बाजे के साथ ढोल, लाउड स्पीकर आदि का भी उपयोग होता है। एक चल समारोह को शहर से गुजरने में 2-3 घंटे तक का समय लग जाता है। ऐसे में जहां से भी ये चल समारोह गुजरते है वहां रहने वालों के लिए परेशानी बन जाती है।
यही स्थिति शाम के समय और ज्यादा बढ़ जाती है। शादी-समारोह के कारण बड़ी संख्या में वर निकासी निकल रही है। इसमें बैंड के साथ डीजे का भी उपयोग किया जा रहा है। वहीं मैरिज गार्डन और धर्मशालाओं में भी डीजे बजाए जा रहे है। इससे आसपास रहने वाले लोगों के साथ बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। देर रात तक हो रहे शोर-शराबे को रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
सीएम ने दिए निर्देश, फिर भी रोक नहीं
ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी निर्देश दिए हैं। गत दिनों झाबुआ की एक छात्रा ने सीएम से अपील की थी कि वे शोर बंद करवाएं। खुद सीएम ने छात्रा को पत्र लिखकर आश्वस्त किया था कि जल्द ही कार्रवाई होगी और इस पर रोक लगेगी। शहर में सीएम के निर्देश के बाद भी कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है।
रात 10 बजे बाद प्रतिबंध लेकिन कार्रवाई नहीं
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार रात 10 बजे के बाद ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग नहीं किया जा सकता है, लेकिन शहर में देर रात तक डीजे बज रहे है। नियमों के उल्लंघन के बाद भी पुलिस-प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। इतना ही नहीं प्रशासन की ओर परीक्षा के मद्देनजर कोलाहल अधिनियम के तहत भी ध्वनि विस्तारक यंत्रों की सीमा तय कर दी जाती है, लेकिन इस बार यह भी दिखाई नहीं दे रहा है।
शोर से बच्चों को ये होती है परेशानी
पढ़ाई के दौरान एकाग्रता खत्म हो जाती है।
लगातार शोर के कारण मन विचलित होता है।
ज्यादा देर तक शोर के बीच रहने से मस्तिष्क पर विपरित असर पड़ता है।
एक तय सीमा से ज्यादा शोर होने पर सुनने की क्षमता प्रभावित होती है।
लागातार शोर के कारण चिड़चिड़ापन भी होता है।
शहर में पहले से ही ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। आयोजनों के लोग अनुमति लेते है, लेकिन परीक्षा को देखते हुए इसके लिए दोबारा आदेश जारी कराएं जाएंगे।
यूएस मरावी, एसडीएम-शाजापुर
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो