जानकारी के अनुसार ग्राम मूलीखेड़ा निवासी 12 वर्षीय बालिका अपने घर पर अकेली थी। उसके परिजन जिला अस्पताल में भर्ती किसी मरीज के हाल जानने के गए हुए थे। शाम करीब 5 बजे जब बालिका मुर्गी पकडऩे का प्रयास कर रही थी। तभी एक चार पहिया वाहन यहां पहुंचा। इसमें से दो लोग मुंह पर कपड़ा बांधकर आए और बालिका से कहा कि तुम चिंता मत करो हम मुर्गी पकडऩे में तुम्हारी मदद कर देंगे। तुम अपने कपड़े लेकर आओ। इस पर जब घर में गई तो बदमाशों ने पीछे से आकर उसका मुंह पकडक़र उसे अपनी गाड़ी में बैठा लिया। बालिका कुछ समझ पाती इसके पहले ही बदमाशों ने गाड़ी बढ़ा दी और तेज गति से भागने लगे। बालिका के पिता ने बताया कि जब बामदाश उनकी बेटी को गाड़ी में बैठाकर भाग रहे थे तभी शाजापुर बस स्टैंड के समीप उनकी बेटी ने एक बदमाश के हाथ पर काट लिया और गाड़ी से उतरकर भाग गई। शाजापुर बस स्टैंड पर उसे उसके गांव के ही कुछ लोगों ने बालिका को देख लिया और उसके परिजनों को इसकी सूचना दे दी। इसके बाद परिजन बालिका को लेकर कोतवाली पहुंच गए। समाचार लिखे जाने तक पुलिस बालिका से पूछताछ कर घटना की वास्तविकता जानने का प्रयास कर रही थी। इस दौरान कोतवाली पर बालिका के परिजनों सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंच गए थे। पुलिस ने यहां पहुंचे लोगों को समझाइश दी।
इनका कहना है
बच्चा चोर जैसी कोई गैंग नहीं है। महिला आरक्षक को पूछताछ में बालिका ने जो घटनाक्रम बताया वो संदेहास्पद लग रहा है। डायल-100 बालिका को लेकर यहां आ गई थी। बालिका ने जिस गांव का घटनाक्रम बताया वहां की मौके पर पहुंचकर भी पड़ताल की गई। हालांकि उक्त घटना स्थल लालघाटी थाना क्षेत्र में आता है। ऐसे में पूछताछ के बाद बालिका को लालघाटी थाने भेज दिया गया है।
– विवेक गुप्ता, टीआइ, कोतवाली-शाजापुर