पीपल फॉर एनिमल की एनिमल एक्टिविस्ट प्रियंका बुधौलिया द्वारा भेजे गए ई-मेल में बताया गया कि वो पीपल फॉर एनिमल मेनका गांधी की संस्था की कार्यकर्ता है। बुधौलिया ने कहा कि शाजापुर जिले में जो अभियान नगर पालिका द्वारा चालू किया गया है, जिसमें श्वान को चिमटे से पकडक़र उन्हें शहर से बाहर करके जंगल में छोड़ा जाए, ये गैर कानूनी है। जिसमें सुप्रीमकोर्ट के आदेश और भारतीय जीव कल्याण बोर्ड के नियमों आदेशों की अवेहलना हो रही है। उन्होंने बताया कि 2001 में सुप्रीमकोर्ट के आदेशानुसार प्रत्येक शहर, गांव में श्वान की नसबंदी के लिए कहा गया है। साथ ही चिमटे से उठाना बेन किया गया है। यदि आदेशो और नियमों की अवेहलना को देखते हुए श्वान को पकडक़र दूसरी जगह छोड़ा जाता है या नसबंदी नहीं होती है तो पशु कु्ररता अधिनियम के तहत साक्ष्य के साथ हमें कानूनन काम करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। बुधौलिया ने यह भी कहा कि श्वान का एक मात्र समाधान उनकी संख्या पर रोक लगाना है जो श्वान नसबंदी से हो सकता है।
श्वान को दें भोजन और प्यार
एनिमल एक्टिविस्ट ने यह कहा कि श्वान का गुस्सा, स्वभाव और जनसंख्या कम करने के लिए उसे भोजन और प्यार देना भी जरूरी है। यदि ये सब नहीं मिलता है और उसे धिक्कारा जाता है, तब श्वान काटता है। बुधौलिया ने कहा कि लोग अपने वाहन की स्पीड कम करना चाहिए जिससे श्वान उस पर नहीं लपकते हैं। नपा को जनता को समझाना होगा उसके लिए कुछ महीने एक अभियान चलाया जाए।
इनका कहना है
पीएफए की कार्यकर्ता द्वारा श्वान को पकडऩे के अभियान को पश क्रुरता बताते हुए रोकने के लिए कहा गया है। इसके चलते अभियान को रोक दिया गया है। श्वान की नसबंदी के लिए पशु चिकित्सकों से चर्चा की जाकर कार्रवाई को आगे बढ़ाया जाएगा।
– राकेश चौहान, सीएमओ, नगर पालिका-शाजापुर
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