श्रावण माह के तीसरे सोमवार को नागपंचमी पर्व धूमधाम से मनाया गया। भक्तों ने नाग मंदिर पहुंचकर नागदेवता का पूजन किया। शहर के नई सडक़ स्थित नागदेवता मंदिर, स्टेशन मार्ग स्थित देव महाराज के दरबार, हाट मैदान स्थित देवनारायण मंदिर सहित शिव मंदिरों में महादेव और नागदेवता का पूजन किया गया। इसके साथ ही शहर के वजीरपुरा स्थित राधा-कृष्ण मंदिर में भगवान का नागपंचमी के अवसर पर विशेष शृंगार किया गया। अलसुबह देर शाम तक मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगी रही। इसके साथ ही सावन माह के सोमवार को शिवलयों में भी हर-हर महादेव और ओम नम: शिवाय की गूंज चलती रही। शिव मंदिर पहुंचे भक्तों ने भगवान का अभिषेक-पूजन किया। मंदिरों में महिलाओं ने भी भजन-किर्तन किए। दोपहर बाद से सभी शिव मंदिरों में महादेव का शृंगार शुरू किया गया। इस दौरान शहर के ओंकारेश्वर महादेव, सोमेश्वर महादेव, नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर, मंगलनाथ महादेव, हिंगलाजेश्वर महादेव, काशी विश्वनाथ मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भगवान का आकर्षक शृंगार किया गया। इसी तरह जिला मुख्यालय से करीब 9 किमी दूर ग्राम नैनावद में स्थित महांकाल मंदिर में भी नागपंचमी के अवसर पर महादेव का शृंगार किया गया। भक्तों ने मंदिर पहुंचकर भगवान के दर्शन-पूजन किए।
कालबेलियों से 14 सांपों को छुड़वाया
नागपंचमी पर नागदेवता को पूजन के लिए लेकर शहर में घुमने वाले कालबेलियों पर वन विभाग ने कार्रवाई की। शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में विभाग ने कुल 14 सांप जब्त किए जाकर उन्हें सुरक्षित स्थान पर छोड़ा गया। गली-मोहल्लों में पहुंचे कालबेलिया समाज के लोगों के पास के सामान की जांच की गई। इसमें 14 सांप जब्त किए गए।
ओंकारेश्वर महादेव निकले नगर भ्रमण पर
सावन माह के प्रति सोमवार को निकलने वाली ओंकारेश्वर महादेव की सवारी शाम करीब 6 बजे धानमंडी स्थित ओंकारेश्वर मंदिर से शुरू हुई। रथ में सवार होकर ओंकारेश्वर महादेव ने शहरवासियों के हाल जाने। जगह-जगह भक्तों ने महादेव के मुघौटे का पूजन किया।