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जानिए क्यों..? यहां ठप्प हो गई विद्यार्थियों की पढ़ाई

locationशाजापुरPublished: Oct 10, 2019 10:12:38 pm

Submitted by:

Piyush bhawsar

4 हजार विद्यार्थियों को अध्यापन कराने के लिए 15 प्राध्यापक और सहायक प्राध्यापक शेष बचे, अतिथि विद्वानों की हड़ताल के कारण बिगड़ी स्थिति

Know why ..? Students' education stopped here

जानिए क्यों..? यहां ठप्प हो गई विद्यार्थियों की पढ़ाई

शाजापुर.

जिला मुख्यालय पर स्थित नवीन महाविद्यालय में गुरुवार से शिक्षण व्यवस्था बूरी तरह से ध्वस्त हो गई। क्योंकि यहां पर करीब 4 हजार विद्यार्थियों को अध्यापन कराने के लिए महज 15 ही प्राध्यापक और सहायक प्राध्यापक मौजूद रहे। वैसे तो यहां पर लंबे समय से स्थाई प्राध्यापक और सहायक प्राध्यापक 12 ही पदस्थ है, लेकिन यहां पर प्राध्यापक और सहायक प्राध्यापकों की पूर्ति अतिथि विद्वानों से की जाती है। अब जबकि अतिथि विद्वान गुरुवार से हड़ताल पर चले गए तो यहां की व्यवस्था गड़बड़ा गई। जब तक हड़ताल खत्म नहीं होती तब तक इसी तरह की परेशानी होती रहेगी।

पूरे प्रदेश सहित शाजापुर के नवीन महाविद्यालय में भी प्राध्यापक और सहायक प्राध्यापकों की कमी लंबे समय से बनी हुई है। अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि नवीन महाविद्यालय में स्थाई प्राध्यापक और सहायक प्राध्यापक के महज 12 ही पद भरे हुए हैं। शेष खाली पदों में से 22 पदों पर अतिथि विद्वान और 3 पद स्ववित्त वाले विद्वान पदस्थ हैं। ये सभी स्थाई और अतिथि विद्वान ही महाविद्यालय में अध्यापन कार्य करवा रहे है। ऐसे में अब जबकि प्रदेश स्तर से लोक सेवा आयोग के माध्यम से चयनित प्राध्यापक और सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति पर लगी रोक को हटा दिया है। ऐसे में प्रदेश भर में महाविद्यालयों के लिए करीब ढाई हजार से ज्यादा प्राध्यापक और सहायक प्राध्यापक के पद भरे जाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस कारण से महाविद्यालयों में जो अतिथि विद्वान पदस्थ है उनकी नौकरी पर खतरा मंडराने लगा है। इसी बात से नाराज होकर अतिथि विद्वानों ने उनके संगठन के प्रदेशव्यापी आह्वान हड़ताल शुरू कर दी है। इस हड़ताल में शाजापुर के नवीन महाविद्यालय से 22 अतिथि विद्वान भी शामिल हो चुके है। एक साथ अतिथि विद्वानों के हड़ताल पर जाने से महाविद्यालय में शिक्षण व्यवस्था प्रभावित हो गई है।

प्रवेश प्रक्रिया भी रुकी
महाविद्यालय में इन दिनों द्वितीय और तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों की प्रवेश प्रक्रिया का दौर चल रहा है। कर्मचारियों की कमी के कारण अतिथि विद्वान ही प्रवेश प्रक्रिया का कार्य संभाल रहे थे। अब अतिथि विद्वानों के हड़ताल पर जाने के कारण प्रवेश प्रक्रिया का कार्य भी अटक गया है। गुरुवार को भी अनेक विद्यार्थी प्रवेश के लिए महाविद्यालय पहुंचे, जिन्हें महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा बाद में आने की बात कही जाकर लौटाया गया।

स्थाई ग्रंथपाल और क्रीड़ा अधिकारी की जरूरत
नवीन महाविद्यालय में वर्तमान में ग्रंथपाल का कार्य भी अतिथि विद्वान के ही भरोसे हैं। जबकि जिला मुख्यालय पर होने, अग्रणी महाविद्यालय होने और करीब 4 हजार विद्यार्थियों का प्रवेश होने के कारण यहां पर स्थाई ग्रंथपाल की अति आवश्यकता है। महाविद्यालय प्रबंधन ने इस संबंध में वरिष्ठ स्तर पर स्थाई ग्रंथपाल की मांग भी की है। वहीं दूसरी ओर महाविद्यालय में क्रीड़ा अधिकारी का भी पद रिक्त है। वर्तमान में क्रीड़ा विभाग का प्रभारी महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक को देकर काम चलाया जा रहा है।

मो. बड़ोदिया महाविद्यालय के अतिथि विद्वान हड़ताल पर
अतिथि विद्वानों की हड़ताल का असर जिले के अन्य महाविद्यालयों पर भी पड़ा है। जिले के मो. बड़ोदिया में स्थित शासकीय महाविद्यालय में भी पदस्थ 5 अतिथि विद्वान हड़ताल पर चले गए हैं। महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. बीएस विभूति ने बताया कि यहां पर स्थाई दो ही लोग पदस्थ हैं। शेष सभी अतिथि विद्वान है। ऐसे में 5 अतिथि विद्वान के हड़ताल पर जाने से यहां पर भी शिक्षण व्यवस्था प्रभावित हो गई है। क्योंकि इस महाविद्यालय में 267 विद्यार्थी अध्ययनरत है। जानकारी के अनुसार जिले भर के महाविद्यालयों में करीब 82 अतिथि विद्वान पदस्थ है। इसमें एक साथ सामूहिक अवकाश लेकर 71 अतिथि विद्वान हड़ताल पर चले गए हैं। इससे जिलेभर में ही स्थिति बिगड़ रही है।

इनका कहना है
22 अतिथि विद्वानों के सामूहिक अवकाश लेकर हड़ताल पर जाने से शिक्षण व्यवस्था प्रभावित हो गई है। प्रवेश सहित अन्य कार्य भी नहीं हो पा रहे है। स्थाई प्राध्यापक और सहायक प्राध्यापक कक्षाओं में अध्यापन कार्य करवा रहें हैं, लेकिन विद्यार्थियों की संख्या ज्यादा होने से परेशानी आ रही है।
– डॉ. आरकेएस राठौड़, प्रभारी प्राचार्य, नवीन महाविद्यालय-शाजापुर

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