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यहां चोरों का डर नहीं, फिर ढंकना पड़ता है चेहरा

locationशाजापुरPublished: Feb 18, 2019 07:47:45 pm

Submitted by:

Gopal Bajpai

माहू मच्छरों से बाईक चालक हो रहे परेशान, फसल कटाई के बाद शहर में उड़ रहे माहू

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यहां चोरों का डर नहीं, फिर ढंकना पड़ता है चेहरा

्शाजापुर.
शहर में बाईक से गुजरने वालों में अधिकतर लोग नकाबपोश ही होते है। यह कोई आपराधिक प्रवृत्ति के लोग नहीं है न ही यह किसी से अपना चेहरा छुपा रहे हैं, इन्हें तो मच्छरों से बचने के लिए चेहरे पर पकड़ा लपेटना पड़ रहा है। मौसम परिवर्तन और खेतों मेें हो रही फसलों की कटाई के कारण शहर में माहू मच्छरों की तादात काफी बढ़ गई है। महूपुरा रपट, मां राजराजेश्वरी मंदिर के समीप बड़ा पुल, धोबी चौराहा, एबी रोड, बादशाही पुल सहित अन्य क्षेत्रों में माहू मच्छरों की भरमार है। जिससे आने जाने वाले राहगार परेशान है। सबसे ज्यादा परेशानी बाईक चालकों को होती है। बाईक चलाते समय ये मच्छर कभी मुहं में तो कभी आंख में घुस जाते हैं। इन मच्छरों से बचने के लिए बाईक चालक मुहं पर कपड़ा बांधकर या चश्मा पहनकर ही घर से निकलते हैं।
पिछले १०-१५ दिनों से मौसम में आए बदलाव के कारण शहरभर में माहू मच्छरों की तादाद काफी बढ़ गई है। चीलर नदी पुल से गुजरने वाले राहगीरों को मच्छरों ने सबसे ज्यादा परेशान किया हुआ है। सुबह-शाम यहां मच्छरों की संख्या इतनी ज्यादा होती है कि यहां से निकलने पर भी लोग कतराने लगे है। यहां मच्छरों का इतना प्रकोप है कि यहां गुजरते वक्त अगर मुंह पर कपड़ा न बांधा हो तो मच्छर कान, नाक, आंख में घुस जाते है। जिससे दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है।

फसलों को भी पहुंचाते हैं नुकसान
जानकारी के मुताबिक ये माहू मच्छर रायड़ा, सरसों में पनपते हैं, जो फसलों को नुकसान भी पहुंचाते हैं। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक माहू मच्छरों से सबसे अधिक नुकसान सरसो की फसल हो होता है। जो सरसों के फूलों का रस निकाल लेते हैं। जिससे सरसों की फसलें प्रभावित होती है। फसल कटने के बाद ये मच्छर शहर में प्रवेश कर जाते हैं। जो नदी किनारे या पानी के गड्ढों में अपना बसेरा बना लेते है। जिससे लोग परेशान होते हैं।

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