पहली बारिश में ही बह गया स्टाप डैम
बताया गया है कि कमता में कुनुक नदी पर उक्त निर्माण कार्य आरईएस विभाग के माध्यम से जिला पंचायत द्वारा 50 लाख की राशि जारी करने के बाद निर्माण कार्य 2017-18 में कराया गया था, इसके बाद पहली ही बारिश में स्टाप डैम बह गया। इस मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों और कलेक्टर से होने के बाद मामले की जांच डब्लू आरडी और लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री तथा बुढ़ार जनपद सीइओ की टीम के माध्यम से कराई गई और उन्होने 27 जून को जांच करने के बाद जांच प्रतिवेदन में स्पष्ट लिखा की निर्माण कार्य में गुणवत्ता की अनदेखी किए जाने के कारण स्टाप डैम बह गया। जांच अधिकारियों के प्रतिवेदन दिए जाने के बाद अब आरईएस विभाग के आला अधिकारी मामले में लीपा पोती करने में लगे हुए हैं। और अब दुबारा नए सिरे से अनियमिता छिपाने निर्माण कार्य कराने में लग गए हैं। बताया गया है कि जांच टीम ने लगभग एक महीने पहले ही जांच प्रतिवेदन कलेक्टर और जिला पंचायत सीइओ को दिया, लेकिन मामले में अब तक जवाबदार तत्कालीन सहायक यंत्री और उपयंत्री के विरुद्ध कार्रवाई नहीं की गई और अब मामले में पर्दा डालने और लीपापोती का प्रयास किया जा रहा है।
अब करा रहे निर्माण कार्य
जानकारी में बताया गया है कि अब आरईएस विभाग के इंजिनियर मामले में पर्दा डालने के लिए उक्त स्थल में निर्माण कार्य करा रहे हैं जिससे मामले को छिपाया और पर्दा डाला जा सके। बताया गया है कि बारिश के कारण लगभग 10 से 15 मीटर एप्रान की खुदाई करके फिर से दुबारा आरसीसी कार्य कराया जा रहा है। बताया गया है कि अब बारिश के बीच कराए जा रहे निर्माण की गुणवत्ता जहां खराब होगी वहीं फिर आरसीसी निर्माण पानी के बहाव में ध्वस्त हो जाएगा। जनपद पंचायत बुढार े सीईओ आरके पाण्डेय ने कहा कि कुनुक नदी पर मनरेगा के तहत बनाए गए लगभग 50 लाख रुपए के स्टाप डैम बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था, जांच में अनियमिता उजागर हुई थी, जांच प्रतिवेदन कलेक्टर को भेजा जा चुका है। आगे क्या कार्रवाई हुई इसकी जानकारी नहीं है।