…………………………………….. अर्थशास्त्र की परीक्षा में शामिल हुए 2682 छात्र
शहडोल. जिले के 41 परीक्षा केन्द्रो में सोमवार को हायर सेकेण्ड्री की अर्थशास्त्र की परीक्षा शांति पूर्वक संपन्न हुई। परीक्षा के दौरान कहीं भी किसी भी प्रकार की अव्यवस्था की स्थिति निर्मित नही हुई और न ही कोई नकल प्रकरण बने। परीक्षा के दौरान चाक चौबंद व्यवस्था रखी गई थी जिससे कि कहीं किसी भी प्रकार की अव्यवस्था की स्थिति निर्मित न हो। सोमवार को आयोजित अर्थशास्त्र की परीक्षा में कुल २७८५ छात्र दर्ज थे। जिसमें से परीक्षा में 2682 छात्र उपस्थित रहे। जिले में बनाए गए 41 में कुल 103 छात्र अनुपस्थित रहे।
शहडोल. जिले के 41 परीक्षा केन्द्रो में सोमवार को हायर सेकेण्ड्री की अर्थशास्त्र की परीक्षा शांति पूर्वक संपन्न हुई। परीक्षा के दौरान कहीं भी किसी भी प्रकार की अव्यवस्था की स्थिति निर्मित नही हुई और न ही कोई नकल प्रकरण बने। परीक्षा के दौरान चाक चौबंद व्यवस्था रखी गई थी जिससे कि कहीं किसी भी प्रकार की अव्यवस्था की स्थिति निर्मित न हो। सोमवार को आयोजित अर्थशास्त्र की परीक्षा में कुल २७८५ छात्र दर्ज थे। जिसमें से परीक्षा में 2682 छात्र उपस्थित रहे। जिले में बनाए गए 41 में कुल 103 छात्र अनुपस्थित रहे।
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अनूप जलोटा की पुस्तक में नत्थू लाल के गीत
शहडोल . भजन गायक अनूप जलोटा पर लिखी गई पुस्तक मेरी कहानी मेरी जुवानी में शहडोल के नत्थूलाल गुप्ता के गीत प्रकाशित हुए हैं। इस पुस्तक में अनूप जलोटा के जीवन के अहम पहलुओं को चित्रित करने का प्रयास किया गया है। जिसमें नत्थूलाल का गीत भी समाहित किया गया है। बलपुरवा शहडोल निवासी नत्थूलाल गुप्ता ने बताया कि उन्हे शुरु से ही गीत लिखने का शौक था। इस शौक को पूरा करने के लिए उन्होने 1990 से गीत लिखना प्रारंभ किया। जिसमें से उन्हे भजन लिखना पसंद है। उन्होने बताया कि उनके नटराज कैसेट्स बरही से दो एल्बम भी निकल चुके है। साथ ही उनके लिखे कई भजनो को अनूप जलोटा ने गाया है।
अनूप जलोटा की पुस्तक में नत्थू लाल के गीत
शहडोल . भजन गायक अनूप जलोटा पर लिखी गई पुस्तक मेरी कहानी मेरी जुवानी में शहडोल के नत्थूलाल गुप्ता के गीत प्रकाशित हुए हैं। इस पुस्तक में अनूप जलोटा के जीवन के अहम पहलुओं को चित्रित करने का प्रयास किया गया है। जिसमें नत्थूलाल का गीत भी समाहित किया गया है। बलपुरवा शहडोल निवासी नत्थूलाल गुप्ता ने बताया कि उन्हे शुरु से ही गीत लिखने का शौक था। इस शौक को पूरा करने के लिए उन्होने 1990 से गीत लिखना प्रारंभ किया। जिसमें से उन्हे भजन लिखना पसंद है। उन्होने बताया कि उनके नटराज कैसेट्स बरही से दो एल्बम भी निकल चुके है। साथ ही उनके लिखे कई भजनो को अनूप जलोटा ने गाया है।