शाहडोलPublished: Oct 21, 2019 07:55:17 pm
brijesh sirmour
जिले के प्राथमिक और माध्यमिक सरकारी स्कूलों के बच्चों के नामांकन, उपस्थिति और गुणवत्ता युक्त शिक्षा में समिति निभाएगी महत्वपूर्ण भूमिका, दो सत्र का रहेगा कार्यकाल
Process of formation of school management
शहडोल. जिले के कुल 2004 सरकारी स्कूलों में सोमवार को शाला प्रबंधन समिति यानि एसएमसी के गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। गौरतलब है कि राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा जिले के सभी शासकीय एवं अनुदान प्राप्त प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों में शाला प्रबंधन समितियों का गठन किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही शाला शिक्षकों को प्रशिक्षण के साथ ही जरूरत पडऩे पर शालावार पर्यवेक्षक भी नियुक्त किए गए हैं। गौरतलब है कि शिक्षा के अधिकार कानून के अंतर्गत सभी शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों के बेहतर प्रबंधन एवं शैक्षिक गतिविधियों के क्रियान्वयन के लिए एसएमसी का गठन किया जाता है। यह समिति बच्चों के शाला नामांकन, नियमित उपस्थिति, गुणवत्तायुक्त शिक्षा और अधोसंरचना कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। नवगठित समितियों का गठन दो सत्रीय कार्यकाल यानि शैक्षिक सत्र 2019-20 एवं 2020-21 के लिए किया जा रहा है। स्कूलों में विद्यार्थियों के अभिभावकों को सोमवार को समिति के गठन में सहभागिता के लिए आमंत्रित किया गया है।
ऐसे रहेगी एसएमसी के सदस्यों की संख्या
निर्वाचित सदस्य 14(सात महिला सात पुरूष)
नामांकित सदस्य चार(पार्षद या पंच-1, निकाय अध्यक्ष या सरपंच द्वारा महिला पार्षद या पंच-1, स्कूल के वरिष्ठतम शिक्षक-1
स्कूल की वरिष्ठतम महिला शिक्षक-1)
नई समिति में किया गया है संशोधन
बताया गया है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम में किए गए संशोधन के तहत शासन की ओर से जारी संसोधित राजपत्र के अनुसार प्रत्येक प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला की प्रबंधन समिति में 18 सदस्य होंगे। पहले प्राथमिक स्कूलों में 18 सदस्यीय एवं माध्यमिक स्कूलों में 16 सदस्यीय शाला प्रबंधन समिति गठित की जाती थी। अब एक शाला एक परिसर वाली प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं के लिए संयुक्त एसएमसी का गठन का किया जा रहा है।
तीन वर्ग के छात्रों के आधार पर होगे निर्वाचित सदस्य
जिला शिक्षा केन्द्र के सहायक परियोजना समन्वयक व्हीके प्रधान ने बताया है कि प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं में तीन वर्ग की छात्र संख्या के आधार पर निर्वाचित सदस्य बनाए जाएगे। तीन वर्गों में वंचित वर्ग, कमजोर वर्ग व अन्य वर्ग शामिल है। निर्वाचित सदस्यों की संख्या 14 होगी। जिसमें सात महिला व सात पुरूष होगें। इसके अलावा चार नामांकित सदस्य भी होंगे।