प्रमिला सिंह : पार्टी के स्थानीय नेताओं की नाराजगी पड़ी भारी।
जयसिंह मरावी : जैतपुर से सता रहा था हार का डर लेकिन पार्टी ने किया रहम।
मनीषा सिंह : महिला फैक्टर और नये चेहरे के समीकरण ने दिलाई टिकट।
शरद कोल : ब्योहारी में भाजपा की गुटबाजी के चलते खुल गया भाग्य।
राजेश सोनी : चुनाव में हार और खुद की छवि पड़ गई भारी।
सुदामा सिंह : करारी हार की वजह से पार्टी ने नहीं दी तरजीह।
मीना सिंह : दावेदारों की कमी की वजह से फिर मिला टिकट।
शिवनारायण सिंह : विरासत और युवा चेहरा होने पर मिला टिकट।
नरेंद्र मरावी : युवा चेहरा और मुख्यमंत्री के चहेते होना गया पक्ष में।
दिलीप जायसवाल : 2008 की जीत बनी फैक्टर इसलिए जताया भरोसा।
अभी ये है सूरतेहाल
सीट विजेता उपविजेता मतों का अंतर
जयसिंहनगर प्रमिला सिंह (भाजपा) ध्यान सिंह (कांग्रेस) 13963
जैतपुर जयसिंह मरावी (भाजपा) ललन सिंह (कांग्रेस) 11206
ब्यौहारी रामपाल सिंह (कांग्रेस) राम प्रसाद सिंह (भाजपा) 17342
अनूपपुर रामलाल रौतेल (भाजपा) बिसाहूलाल सिंह (कांग्रेस) 11745
कोतमा मनोज अग्रवाल (कांग्रेस) राजेश सोनी (भाजपा) 1546
पुष्पराजगढ़ फुंदेलाल सिंह (कांग्रेस) सुदामा सिंह (भाजपा) 35647
बांधवगढ़ ज्ञान सिंह (भाजपा) प्यारेलाल बैगा (कांग्रेस) 18645
मानपुर मीना सिंह (भाजपा) ज्ञानवती सिंह (निर्दल) 43628
नाम पर मुहर लगने के बाद अब हलचल तेज हो गई है
विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा प्रत्याशियों के नाम पर मुहर लगने के बाद अब हलचल तेज हो गई है। जयसिंहनगर विधायक प्रमिला सिंह पर पार्टी के बड़े नेताओं की नाराजगी भारी पड़ गई। हाईकमान ने जयसिंहनगर विधायक प्रमिला की टिकट काट दी है। उधर जैतपुर विधानसभा में लोगों में नाराजगी को देखते हुए सीट बचाने के फेर में चेहरा बदला है। जैतपुर विधायक जयसिंह मरावी की सीट बदलते हुए हाइकमान ने मैदान में इस बार मनीषा सिंह को उतारा है और जयसिंह मरावी को जयसिंहनगर सीट से प्रत्याशी बनाया है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि नेताओं की नाराजगी और भीतरघात के चलते प्रमिला को प्रत्याशी बनाने में हाईकमान ने हाथ खींच लिया है, जबकि पार्टी के सर्वे में विधायक प्रमिला सिंह आगे रही हैं। पार्टी के नेताओं में प्रमिला से भले ही नाराजगी रही हो लेकिन जनता के बीच बेहतर पैठ को लेकर पहचानी जाती हैं। उधर कांग्रेस भी अब इन तीनों सीटों के लिए बेहतर प्रत्याशी उतारने के लिए मंथन कर रही है। जयसिंहनगर विधानसभा से जयसिंह मरावी को उतारने के बाद अब कांग्रेस में लंबे समय से जुड़े दावेदारों के लिए रास्ता खुल गया है। उधर ब्यौहारी में हाल ही में कांग्रेस से भाजपा में शामिल शरद कोल को प्रत्याशी बनाया है। सूत्रों की मानें तो शरद कोल को भाजपा के सर्वे में फिट बताया गया था। दरअसल कांग्रेस विधायक रामपाल के हाइकमान में बेहतर पैठ के चलते ब्यौहारी से शरद की टिकट को लेकर संशय था। कांग्रेस में होने के चलते शरद को भाजपा के कद्दावर नेताओं के विचार विमर्श के बाद खुद की पार्टी में शामिल कर ब्यौहारी से चुनाव में उतारा है।