शाहडोलPublished: Jul 21, 2019 07:41:45 pm
brijesh sirmour
31 दिसंबर तक सत्यापन का काम होना है पूरा
New scales will be verified in the currency notes deposited in the bondage
शहडोल. नोटबंदी के ढ़ाई साल बाद सीबीडीटी द्वारा सख्त गाइडलाइन जारी करने से करदाताओं के साथ विभाग की परेशानी बढऩे की संभावना जताई गई है, क्योंकि नोटबंदी के दौर में खातों में जमा ज्यादा नकदी का सत्यापन आयकर विभाग द्वारा अब नए पैमानों पर करना पड़ेगा। गौरतलब है कि नोटबंदी के बाद बड़ी नकदी खाते में जमा करवाने वाले कई करदाताओं को आयकर विभाग ने नोटिस जारी किए हैं। नोटिस के जरिए इन करदाताओं को जमा पैसे के सत्यापन के तथ्य प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। विशेष बात यह है कि दिसंबर 2019 तक सत्यापन का काम पूरा करना है। इस बीच असेसमेंट ऑफिसर व आयकर के अधिकारी अपने स्तर पर व अपने विवेक के आधार पर स्कूटनी में आए नोटबंदी में जमा नकदी के मामलों का सत्यापन कर रहे हैं और अब सीबीडीटी ने गाइडलाइन जारी कर तय कर दिया है कि किन दस्तावेजों और बिंदुओं के आधार पर जमा का सत्यापन किया जाना है। सभी असेसमेंट ऑफिसर्स को आदेश भी दिया गया है कि इन पैमानों के अलावा वे सत्यापन नहीं कर सकते।
तय दस्तावेजों के आधार पर होगा सत्यापन
जानकारों के मुताबिक गाइडलाइन के जरिए इंस्पेक्टरों पर यह बंदिश होगी कि वह तमाम केस में तय दस्तावेजों के आधार पर ही जमा नकदी को सत्यापित कर सकते हैं। किसी व्यक्ति ने खाते में जमा पैसा व्यापार का बताया है, तो उसके लिए अलग पैमाने व दस्तावेजों की सूची भिन्न है। यदि किसी ने अपनी पारिवारिक बचत, गिफ्ट आदि की नकदी जमा कराई थी, तो उसके लिए सत्यापन के दस्तावेज अलग हैं। अधिकारियों को इन तय दस्तावेजों और पैमानों पर ही सत्यापन करना जरूरी होगा।
तीन महीनों में पूरा करना होगा सत्यापन
बताया गया है कि पिछले डेढ़ साल से स्कूटनी और सत्यापन का काम चल रहा है। आने वाले समय में रिटर्न और ऑडिट में सभी करदाता और विभाग के अधिकारी व्यस्त रहेंगे। सितंबर तक यही सब चलेगा। इसके बाद त्यौहारों का दौर होगा। विभाग को सितंबर से दिसंबर तक के तीन महीनों में ही सत्यापन का काम पूरा करना होगा। 31 दिसंबर के बाद इसकी अवधि नहीं बढ़ाई जा सकती। जल्दबाजी में असेसमेंट होंगे तो भी नुकसान करदाता को उठाना पड़ेगा।
इनका कहना है
नोटबंदी के दौरान ज्यादा नकदी जमा करने वालों को विभाग द्वारा सितम्बर 2018 में नोटिस जारी की जा चुकी है, जिसकी स्कूटनी और सत्यापन का कार्य अब नई गाइड लाइन के तहत किया जाएगा और इसकी अवधि 31 दिसंबर के बाद नहीं बढ़ाई जा सकती है।
सुशील सिंघल
चार्टर्ड अकाउंटेंट, शहडोल