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शाहडोल

गांव-गांव चिटफंड और माइक्रो फाइनेंस कंपनियों का जाल, फर्जी आधार कार्ड बनाकर निकाल लेते हैं लोन

समूह के माध्यम से लोन दिलाने के नाम पर ठगी का खेल, अशिक्षित और आदिवासियों को बना रहे शिकार

शाहडोलJul 23, 2020 / 12:25 pm

amaresh singh

make Fake Aadhaar card and withdraw loan

गांव-गांव चिटफंड और माइक्रो फाइनेंस कंपनियों का जाल, फर्जी आधार कार्ड बनाकर निकाल लेते हैं लोन

शहडोल। आदिवासी अंचल में गांव-गांव चिटफंड और माइक्रो फाइनेंस कंपनियों ने जाल फैला रखा है। दोगुनी राशि और समूह के नाम पर लोन दिलाने का बड़ा खेल चल रहा है। फर्जी आधार कार्ड और वोटर आईडी बनाकर ग्रामीणों के साथ धोखाधड़ी की जा रही है। पिछले कई सालों में गांव-गांव नेटवर्क बढ़ाते हुए दलालों ने हजारों ग्रामीणों के साथ धोखाधड़ी कर चुके हैं। माइक्रो फाइनेंस कंपनियों से लोन दिलाने के नाम पर आधार और वोटर आइडी कार्ड लेते हैं। एक बार लोन भी दे दिया जाता है। बाद में गिरोह के सदस्य उसी आधार और वोटर आइडी कार्ड का उपयोग करते हुए अलग-अलग तीन से पांच माइक्रो फाइनेंस कंपनियों से लोन निकला लेते हैं। इसमें बैंक अधिकारी कर्मचारियों की भी बड़ी सांठगांठ है। शहडोल पुलिस ने पूर्व में बड़े गिरोह को पकड़ा था। ये माइक्रो फाइनेंस कंपनियों से लोन दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करते थे लेकिन पुलिस ने कियोस्क संचालकों को आरोपी बनाते हुए फाइल बंद कर दी थी, जबकि बैंक अधिकारियों की भी भूमिका थी।


एक हजार फर्जी आधार कार्ड पकड़ाए, बैंक अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं
छह माह पहले शहडोल पुलिस के हाथ गिरोह लगा था। पुलिस ने एक हजार फर्जी आधार कार्ड और वोटर आइडी कार्ड जब्त किए थे। तीन आरोपियों को भी गिरफ्तार किया था। मामले में माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के अधिकारी कर्मचारियों की भी मिलीभगत थी। आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में भी कहा था कि बैंक अधिकारी कर्मचारियों से संपर्क कर पैसा ट्रांसफर करा लिया जाता था। बैंक कर्मचारियों से पूछताछ भी हुई थी लेकिन आरोपी नहीं बनाया और मामला दबा रह गया। अभी भी गांव-गांव फिर से माइक्रो फाइनेंस कंपनियों ने नेटवर्क बना लियाहै।


सर्वर डाउन कहकर लगवाते थे अंगूठा, खोल लेते थे कई खाते
ग्रामीणों को लोन दिलाने के नाम पर दस्तावेज लेते थे। इसके बाद आधार कार्ड की कापी तैयार की जाती थी। आधार कार्ड से लिंक कर कियोस्क सेंटर में खाते खुलवाए जाते थे। ग्रामीणों को एक माइक्रो फाइनेंस कंपनी से लोन दिलाने के नाम पर अलग- अलग जगहों पर अंगूठे लगवा लिए जाते थे। अलग-अलग जगहों पर खाता खोलकर बैंक अधिकारियों से सांठगांठ करते थे। अलग-अलग बैंक खातों में लोन का पैसा भी स्वीकृत करा लेते थे। ग्रामीणों को बार-बार अंगूठा लगवाने के पीछे सर्वर में दिक्कतों का तर्क दिया जाता था। एक बैंक से आने वाली लोन की राशि को ग्रामीण को दे दिया जाता था, बाकी खातों का पैसा गिरोह के लोग निकाल लेते थे। बाद में रिकवरी नोटिस घर तक पहुंचने के बाद मामला उजागर हुआ था।
तीन से पांच गुनी राशि का झांसा, किसानों का लगवाया पैसा
चिटफंड कंपनियों ने भी अपना बड़ा नेटवर्क खड़ा कर लिया है। गांव-गांव ग्रामीणों को तीन से पांच गुना ज्यादा पैसे का प्रलोभन देकर आदिवासी किसानों का पैसा लगवाया है। कई कंपनियां चंपत भी हो गई है। कई लोगों के पैसे अभी भी कंपनियों में लगे हुए हैं। शहडोल पुलिस तक लगातार ऐसे मामलों की शिकायतें पहुंच रही हैं।

केस 1
नोटिस आने के बाद पता चला कई बैंकों से निकला है लोन
एक बैंक से लोन लेने के बाद कई बैंकों से नोटिस आने के बाद गोरतरा नवलपुर की महिलाओं ने शिकायत की थी। शहडोल पुलिस ने जनवरी 2020 में लक्ष्मण पनिका, शंकर पनिका और सुनील पनिका को गिरफ्तार किया था। ये गांव-गांव जाकर महिलाओं को लोन दिलाने का काम करते थे। बाद में सामने आया कि आरोपी विकास द्विवेदी और माइक्रो फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों से मिलकर फर्जी तरीके से लोन निकलवा लेते थे।
केस 2
महिलाओं के नाम से फर्जी दस्तावेज से निकाला लोन
छह माह पूर्व विधायक ब्यौहारी शरद कोल कई महिलाओं के साथ कमिश्नर और पुलिस अधिकारियों के कार्यालय पहुंचकर धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करा चुके हैं। विधायक का कहना था कि दस्तावेजों में हेरफेर करते हुए ग्रामीणों के नाम से फर्जी तरीके से लोन निकाले जा रहे हैं। बाद में वसूली के लिए दबाव बनाते हैं। विधायक ने दर्जनों माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के नाम भी बताए थे।

माइक्रो फाइनेंस और चिटफंड कंपनियों द्वारा धोखाधड़ी की शिकायतें मिल रही हैं। जल्द कार्रवाई की जाएगी।
सत्येन्द्र शुक्ला, एसपी शहडोल

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