सावन सोमवार व्रत विधि
स्कंदपुराण के अनुसार भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सावन सोमवार के दिन एक समय भोजन करने का प्रण लेना चाहिए। भगवान भोलेनाथ के साथ पार्वती जी की पुष्प, धूप, दीप और जल से पूजा करनी चाहिए। इसके बाद भगवान शिव को तरह-तरह के नैवेद्य अर्पित करने चाहिए जैसे दूध, जल, कंद मूल आदि। सावन के प्रत्येक सोमवार को भगवान शिव को जल अवश्य अर्पित करना चाहिए।
रात्रि के समय जमीन पर सोना चाहिए
रात्रि के समय जमीन पर सोना चाहिए। इस तरह से सावन के प्रथम सोमवार से शुरु करके कुल नौ या सोलह सोमवार इस व्रत का पालन करना चाहिए। नौवें या सोलहवें सोमवार को व्रत का उद्यापन करना चाहिए। अगर नौ या सोलह सोमवार व्रत करना संभव ना हो तो केवल सावन के चार सोमवार भी व्रत किए जा सकते हैं।
एक समय भोजन करना चाहिए
अपने भोले स्वभाव के कारण भगवान शिव का एक नाम भोलेनाथ भी है। इसी कारण भगवान शिवजी से जुड़े व्रतों में किसी कड़े नियम का वर्णन पुराणों में नहीं है। साथ ही शास्त्रों के अनुसार सावन सोमवार व्रत में तीन पहर तक उपवास रखने के बाद एक समय भोजन करना चाहिए।