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टेक्नोलॉजी बन रही पुलिस वालों के लिए आफत जानिए क्यों

locationशाहडोलPublished: Aug 30, 2018 12:44:40 pm

Submitted by:

shivmangal singh

नौकरी के आखिरी पड़ाव में आ रहीं दिक्कतें, रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने के सरकार का फैसला भी पड़ रहा इनको भारी

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शहडोल (शुभम बघेल). हाइटेक हो रही पुलिसिंग के साथ उम्रदराज पुलिस कर्मचारी और अधिकारी तालमेल नहीं बैठा पा रहे हैं। दिन पर दिन अपडेट हो रही टेक्नोलॉजी इनके लिए किसी आफत से कम नहीं हैं। कमजोर फिटनेस की वजह से पुलिस अधिकारी इनको फील्ड में भी उतारने से कतरा रहे हैं। कागज-कलम के हमसफर रहे इन लोगों के लिए कम्प्यूटर, मोबाइल, एप, सीसीटीवी जैसी टेक्नोलॉजी दिक्कतें खड़ी कर रही है। सरकार ने दो साल रिटायरमेंट का समय बढ़ाकर इन लोगों के लिए नई मुसीबत भी खड़ी कर दी है।

10 दिन की ट्रेनिंग में क्या सीख लेंगे
पुलिस विभाग ने उम्रदराज अधिकारियों और कर्मचारियों को 10 दिन की ट्रेनिंग देना शुरू किया है। सीसीटीएनएस ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाकर पुलिस अधिकारी कर्मचारियों को हाईटेक करने का प्रयास कर रही हैं लेकिन ये सब ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। 25 फीसदी से ज्यादा उम्रदराज पुलिस कर्मचारी अभी कम्प्यूटर पर क, ख, ग लिखना सीख रहे हैं। इन 10 दिनों में तो ये माउस पकडऩा और कीबोर्ड चलाना भी नहीं सीख पाते।
ऑपरेटर का सहारा
अधिकारियों की मानें तो सीसीटीएनएस सीखने के बाद भी 30 फीसदी पुलिस अधिकारी और कर्मचारी कम्प्यूटर में काम नहीं कर पाते हैं। थानों में ऑपरेटर रखे हैं। विवेचना और सीसीटीएनएस पर ऑपरेटर से फीड कराते हैं।

30 साल की नौकरी में पहली बार कम्प्यूटर
नाम न छापने के शर्त पर एक पुलिसकर्मी ने बताया कि 30 साल में पहली बार कम्प्यूटर चलाना सीख रहे हैं। मोबाइल चलाने में दिक्कतें आती थी अब विभाग ने सीसीटीएनएस सीखने का फरमान दे दिया है।

कोई डाक बांट रहा तो कोई पेशी पर तैनात
कम्प्यूटर में हाईटेक न होने और फील्ड में ड्यूटी न कर पाने की वजह से पुलिस विभाग अतिरिक्त के काम करा रहा है। विभागीय आंकड़ों के अनुसार 25 फीसदी से ज्यादा उम्रदराज पुलिस अधिकारी कर्मचारियों में कोई हाजिरी लगा रहे हैं तो कोई डाक लाने ले जाने का काम कर रहे हैं। उधर कई पुलिस कर्मचारी मुजरिम पेशी करा रहे हैं तो कुछ वीआईपी ड्यूटी के अलावा गार्ड, संतरी में ड्यूटी कर रहे हैं।

रिटायर होने की उम्र, कांपता है हाथ
ट्रेनिंग कर रहे एक पुलिसकर्मी ने बताया कि 2022 में रिटायर होना था लेकिन सरकार ने और समय बढ़ा दिया है। अब कम्प्यूटर में हाथ रखते ही हाथ कांपता है लेकिन ट्रेनिंग लेना भी जरूरी है।

सीसीटीएनएस ट्रेनिंग में जिले की स्थिति
जिले में 2015 से सीसीटीएनएस ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाया जा रहा है। अब तक 70 प्रतिशत पुलिस अधिकारी कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। लगभग 250 पुलिस अधिकारी कर्मचारियों को और प्रशिक्षण देना है।
डीएसपी 06, टीआई 16, एसआई 19, एएसआई 62, प्रधान आरक्षक 145, आरक्षक 428

पुलिस की रीढ़ हैं, महत्वपूर्ण कार्यों में उपयोग
उम्रदराज पुलिस अधिकारी कर्मचारी पुलिस की रीढ़ की तरह हैं। काफी अनुभव रखते हैं। कई महत्वपूर्ण कार्यों में उपयोग किया जा सकता है। अपराधों की जांच, न्यायालय संबंधी कार्यों के अलावा वारंट तामीली, वीवीआईपी ड्यूटी और मुजरिम पेशी में काम लिया जा सकता है। कम्प्यूटर के लिए ट्रेनिंग उतनी ही देनी होगी, जितनी विभाग को जरूरी है।
डीके आर्य, रिटायर्ड आईजी।

कम्प्यूटर के लिए लगातार दे रहे ट्रेनिंग
उम्र में ज्यादा पुलिस अधिकारी कर्मचारी अनुभवी हैं। विभाग के अन्य कार्यों में उपयोग लिया जा रहा है। हां कम्प्यूटर की ज्यादा जानकारी नहीं रहती हैं। फिर भी विभाग लगातार ट्रेनिंग दे रहा है। 70 फीसदी से ज्यादा पुलिस अधिकारी कर्मचारियों को ट्रेनिंग कम्प्यूटर की दी गई है। जिन्हें दिक्कतें आ रही हैं तो दोबारा सिखाया जाता है।
कुमार सौरभ, एसपी शहडोल।

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