हाथियों के झुण्ड को वापस खदेडऩे वन अमला की फूली सास
बार-बार छत्तीसगढ़ की सरहद पार शहडोल वनवृत्त के परिक्षेत्रों में पहुंच रहे जंगली हाथियों के झुण्ड को आबादी क्षेत्र से वापस खदेडऩे में वन अधिकारियों की सास फूल रही है। वन अमले के पास जंगली हाथियों को खदेडऩे के लिए कोई आधुनिक तरकीब नहीं है। पहले बहगड़ फिर मड़सा के जंगल में पहुंचे हाथियों के झुण्ड को आग में मिर्च डालकर खदेड़ा गया है। वन अमला डण्डे के सहारे दिन भर हाथियों के झुण्ड को दिशा देता रहा। तब जाकर हाथियों के झुण्ड को पुन: दत्तीसगढ़ की सीमा तक खदेड़ा जा सका है। इन हाथियों के झुण्ड को खदेडऩे में 50 से अधिक वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी जुटे रहे। जिनमें सीसीएफ अशोक जोशी, वनमंण्डलाधिकारी प्रदीप मिश्र,एसडीओ आरपी शुक्ला, रेंजर बुढ़ार नयन पल्लवी और वनपरिक्षेत्राधिकारी जैतपुर सलीम खान शामिल है।
इनका कहना है
जंगली हाथियों के झुण्ड को 22 आक्टूबर को जैतपुर वन परिक्षेत्र से वापस छत्तीसगढ़ की सीमा में खदेड़ दिया गया था। शनिवार को फिर वही हाथियों का दल वन परिक्षेत्र के मड़सा गांव में पहुंच गया था। जिसे रविवार को वन अमले ने फिर वापस खदेड़ दिया है।
अशोक जोशी
सीसीएफ वनवृत्त शहडोल
बार-बार छत्तीसगढ़ की सरहद पार शहडोल वनवृत्त के परिक्षेत्रों में पहुंच रहे जंगली हाथियों के झुण्ड को आबादी क्षेत्र से वापस खदेडऩे में वन अधिकारियों की सास फूल रही है। वन अमले के पास जंगली हाथियों को खदेडऩे के लिए कोई आधुनिक तरकीब नहीं है। पहले बहगड़ फिर मड़सा के जंगल में पहुंचे हाथियों के झुण्ड को आग में मिर्च डालकर खदेड़ा गया है। वन अमला डण्डे के सहारे दिन भर हाथियों के झुण्ड को दिशा देता रहा। तब जाकर हाथियों के झुण्ड को पुन: दत्तीसगढ़ की सीमा तक खदेड़ा जा सका है। इन हाथियों के झुण्ड को खदेडऩे में 50 से अधिक वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी जुटे रहे। जिनमें सीसीएफ अशोक जोशी, वनमंण्डलाधिकारी प्रदीप मिश्र,एसडीओ आरपी शुक्ला, रेंजर बुढ़ार नयन पल्लवी और वनपरिक्षेत्राधिकारी जैतपुर सलीम खान शामिल है।
इनका कहना है
जंगली हाथियों के झुण्ड को 22 आक्टूबर को जैतपुर वन परिक्षेत्र से वापस छत्तीसगढ़ की सीमा में खदेड़ दिया गया था। शनिवार को फिर वही हाथियों का दल वन परिक्षेत्र के मड़सा गांव में पहुंच गया था। जिसे रविवार को वन अमले ने फिर वापस खदेड़ दिया है।
अशोक जोशी
सीसीएफ वनवृत्त शहडोल