शाहडोलPublished: May 21, 2019 09:31:10 pm
brijesh sirmour
मानस भवन में संभागीय जैविक खेती पर हुई कार्यशाला
Farmers of the division will be rich in organic farming, see VCD
शहडोल. किसान कल्याण तथा कृषि विभाग के संयुक्त संचालक के तत्वावधान में स्थानीय मानस भवन आडिटोरियम में मंगलवार को संभाग स्तरीय जैविक खेती कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के मुख्य अतिथि संभाग आयुक्त शोभित जैन रहे तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में जबलपुर कृषि विश्वविद्यालय से आए मृदा वैज्ञानिक डॉ. एनजी मित्रा, कीटशास्त्र वैज्ञानिक डॉ. एसबी दास, कृषि विज्ञान केन्द्र के कार्यक्रम प्रमुख डॉ. मृगेन्द्र ङ्क्षसह, जैविक प्रमाणिकरण संस्था भोपाल के संयुक्त संचालक एमडी धुर्वे, रीजनल डायरेक्टर गगनेश शर्मा, प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. डीके पहलवान, सहायक प्राध्यापक डॉ. एसबी अग्रवाल, अपर संचालक के पी अरहवाल और उपसंचालक एनडी गुप्ता मौजूद रहे। कार्यशाला में आदिवासी अचल में जैविक खेती के क्षेत्र के विस्तार, उपलब्ध जैव संसाधनों का उपयोग, जैविक उत्पादों के लिए किसानों का चिंन्हांकन एवं पंजीयन, जैविक उत्पादों के विपणन की व्यवस्था और जैविक उत्पादों के के्रता व विक्रेताओं के निर्धारण सहित अन्य कई विषयों पर बाहर से आए विषय विशेषज्ञों द्वारा चर्चा की गई। साथ ही संभाग में जैविक खेती की वर्तमान स्थित व संभावनाएं, पंजीयन के तरीके, पीजीएस अंतर्गत जैविक खेती की सामान्य प्रक्रियाएं सहित अन्य कई विषयों पर विचार व्यक्त किए गए। संभाग में जैविक खेती की वर्तमान स्थिति पर संयुक्त संचालक जेएस पंद्राम ने प्रोजेक्टर के माध्यम से विस्तार से प्रकाश डाला। डॉ. मृगेन्द्र सिंह ने बताया कि हमें खेती के मूल सिद्धांत को समझना जरूरी है कि हम जमीन को पोषण दे और पौधो को पानी दे। जैविक से जमीन सुधरती है, पानी कम लगता है और लागत भी कम आती है। यदि किसान जैविक खेती को अपनाएगे तो वह जल्द समृद्ध हो जाएगे। कार्यक्रम संचालन कृषि विस्तार अधिकारी जेएस पंद्राम ने और आभार प्रदर्शन उपसंचालक एनडी गुप्ता ने किया।