scriptपांच सौ की पेंशन से गुजारा कर रहे बहुविकलांग, वर्ष 2011 के बाद नहीं हुआ सर्वे | disabilities are deprived of benefits of government schemes | Patrika News

पांच सौ की पेंशन से गुजारा कर रहे बहुविकलांग, वर्ष 2011 के बाद नहीं हुआ सर्वे

locationशाहडोलPublished: Feb 20, 2019 06:54:12 pm

Submitted by:

amaresh singh

कई नि:शक्त योजनाओं के लाभ से वंचित है

disabilities are deprived of benefits of government schemes

disabilities are deprived of benefits of government schemes

शहडोल। समाज के बीच में रहे रहे 15 हजार से भी अधिक लोगों में से शासन द्वारा उन्ही लोगों को आर्थिक सहायता मुहैया करा रही है जो कि बहुविकलांग की श्रेणी में आते हैं। इन्हे भी महज 500 रुपये की पेंशन दी जा रही है। इस राशि से इनका गुजारा कैसे संभव होगा कहा नहीं जा सकता है। वहीं जिले भर में 15 हजार से भी अधिक ऐसे लोग हैं जो किसी ने किसी तरह से नि:शक्त है और उनके सामने भी जीवन निर्वहन का संकट है। विडम्बना यह है कि शासन ने इन नि:शुक्तों के लिए जो योजनाएं भी बनाई है उनका धरातल पर सहीं ढ़ंग से क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है। जिसके चलते कई नि:शुक्त योजनाओं के लाभ से वंचित है। जिले में डेढ़ हजार से भी अधिक लोग बहुविकलांगता का दंश झेल रहे हैं। लेकिन विभागी आंकड़ो में 60 फीसदी लोगों को ही बहुविकलांगता पेंशन योजना का लाभ मिल रहा है। वर्ष 2011 में हुई गणना की माने तो जिले में कुल 1220 लोग बहुविकलांग दर्ज हैं वहीं इनमें से लगभग 765 लोगों को ही बहु विकलांग पेंशन योजना का लाभ मिल पा रहा है। इसके अलावा सर्वे के अनुसार दृष्टि बाधित 2114, श्रवणबाधित 3837 में मंदबुद्धि संवर्ग में 2939 लोग शामिल हैं। यह आंकड़े वर्ष 2011 के सर्वे में निकल कर सामने आए थे। जिसके बाद से बताया जा रहा है कि जिले में सर्वे ही नहीं कराया गया।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो