कई बच्चों की हो चुकी है मौत
ग्रामीण और वनवासी इलाकों में खराब स्वास्थ्य सेवाओं और अंधविश्वास के चलते बच्चों को गर्म लोहे से दागा जाता है। इसमें हंसिया, सलाई और दूसरी चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। ग्रामीण इलाकों में कई इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं कि दागने के बाद बच्चों में इनफेक्शन फैल गया। उसके बाद उन्हें सही इलाज नहीं मिला, जिससे उनकी मौत हो गई। पत्रिका ने ये मामला उठाया तो प्रशासन ने इस मामले में कई कड़े कदम उठाए। इसके बावजूद मैदानी अमला अभी भी कोताही कर रहा है, जिसकी वजह से अभी भी बच्चों के दागने वाले केस सामने आ रहे हैं।
वजन कम होने से एनआरसी में भर्ती किया गया है। बच्चा स्वस्थ्य है। केस हिस्ट्री ली जा
रही है।
डॉ. आरपी श्रीवास्तव, सीएमएचओ अनूपपुर।