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बसों में नहीं है दिव्यांगों के लिए रैंप की व्यवस्था

locationशाहडोलPublished: Jun 18, 2019 09:34:13 pm

Submitted by:

brijesh sirmour

परिवहन आयुक्त के निर्देशों की हो रही है अवहेलना

Arrangement of ramps for divisions is not in buses

Arrangement of ramps for divisions is not in buses

शहडोल. इन दिनों बसों में दिव्यांग यात्रियों के लिए पांच सीट रिजर्व रखने और रैम्प की सुविधा देने के लिए परिवहन आयुक्त के निर्देशों की अवहेलना हो रही है। आदेश के परिपालन में बसों में सिर्फ दिव्यांगों के लिए पांच सीटों के आरक्षण संबंधी सूचना केे अलावा अन्य कोई सुविधा उपलब्ध नहीं रहती। खासतौर पर रैम्प की सुविधा तो रहती ही नहीं है। कई बसों में तो पांच सीटों के आरक्षक की सूचना भी नही लगी है। परिवहन आयुक्त के आदेश के तहत बसों में दिव्यांगों के लिए रिजर्व सीट एवं रैम्प की सुविधा की जांच भी की जानी थी, मगर तीन माह बाद भी इस संबध में जांच शुरू नहीं हुई है। जबकि आरटीओ बसों की फिटनेस जांच के दौरान दिव्यांगों की सुविधा की जांच करने की बात कह रहे हैं। गौरतलब है कि इस वर्ष पिछले मार्च माह में मुख्यालय से आदेश आया था। जिसमें बसों में दिव्यांगों के लिए नई व्यवस्था लागू करने के लिए कहा गया था। आदेश के अनुसार बसों में दरवाजे के निकट पांच सीटें दिव्यांग यात्रियों के लिए रिजर्व रखने और उनके बसों में चढऩे के लिए रैंप बनाने के लिए कहा था। इसमें यात्री वाहन के दरवाजों पर पर्याप्त हैंडल, फोल्डिंग सीढ़ी या रैंप लगवाना अनिवार्य किया गया था। इन्हें पकड़ या जिन पर चढ़ कर दिव्यांग यात्री आसानी से प्रवेश कर सकेंगे। इसके लिए 10 मार्च तक का समय दिया गया था। इसके बाद इन पर सख्ती की जानी थी, लेकिन अब तक कोई जांच नहीं की गई है।
जिले में है सवा तीन सौ बसों का संचालन
आरटीओ कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में करीब सवा तीन सौ बसों का संचालन हो रहा है। जबकि कार्यालय में चार सौ से अधिक बसों का पंजीयन है। जिले में 16 से 32 सीटर कुल 160 बसें हैं और 32 से 52 सीटर 165 बसें संचालित हो रही है और शेष बसें कंडम हालत में खड़ी हुई हैं, जिनका रजिस्ट्रेशन तो हैं, मगर उनका संचालन नहीं हो रहा है।
इनका कहना है
नई व पुरानी बसों में दिव्यांगों के लिए पाचं सीटों का आरक्षण एवं रैंप सुविधा को अनिवार्य किया गया है। फिटनेस के दौरान इसकी जांच भी की जाती है। वैसे भी अगर किसी दिव्यांग यात्री की शिकायत प्राप्त होती है तो हम तत्काल कार्रवाई करते हैं।
आशुतोष सिंह भदौरिया, आरटीओ, शहडोल

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