scriptआजादी के 71 साल बाद : गांव में नहीं है बिजली, गड्ढे का पीते हैं पानी, अफसर हैं बेपरवाह | AFTER 71 YEAR : No electricity in village and drink dirty water | Patrika News

आजादी के 71 साल बाद : गांव में नहीं है बिजली, गड्ढे का पीते हैं पानी, अफसर हैं बेपरवाह

locationशाहडोलPublished: Sep 26, 2018 02:06:28 pm

Submitted by:

shivmangal singh

दर्जनों ग्रामीणों ने जनसुनवाई में की शिकायत, कई समस्याओं से जूझ रहे ग्रामवासी

shahdol

आजादी के 71 साल बाद : गांव में नहीं है बिजली, गड्ढे का पीते हैं पानी, अफसर हैं बेपरवाह

शहडोल. उमरिया जिलांतर्गत ग्राम मकरा में आजादी के 71 साल बाद भी बिजली नहीं पहुंच पाई है। ग्रामवासी सड़क सहित अन्य कई समस्याओं से आज भी जूझ रहे है। उन्हे शुद्ध पेयजल नहीं मिलता और वह डबरे का पानी पीने को विवश है। यह गांव आज भी विकास से कोसों दूर है, क्योंकि इसे आज तक शहर की मुख्य सड़क से नहीं जोड़ा गया है। जनसुनवाई में ग्राम मकरा निवासी सैकड़ों ग्रामीणों ने कमिश्नर से ग्राम में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की गुहार लगाई है। ग्रामीणों ने बताया है कि ग्राम मकरा पाली जनपद मुख्यालय के मुख्य मार्ग से महज चार किलोमीटर दूर स्थित है। ग्रामीणों का हाल सुनकर कमिश्नर स्वयं हतप्रभ रह गए कि जनपद मुख्यालय के करीब ग्राम के रहवासी आज भी मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे है। जिला कांग्रेस के सचिव संजीव निगम के नेतृत्व में कमिश्नर कार्यालय में गांव के अजीत सिंह, शिवचरण सिंह, लखन सिंह, सुन्दर सिंह, श्यामलाल सिंह, अभिषेक सिंह, वीरेन्द्र सिंह, विजय सिंह, शिवचरण प्रधान, रामचन्द्र सिंह और सुनील सिंह सहित अन्य कई ग्रामीण मौजूद रहे। बताया गया है कि गांव में जो भी विकास कार्य शुरू किए जाते हैं, उन्हे अधूरा ही छोड़ दिया जाता है। इसमें पंचायत के सरपंच व सचिव भी रूचि नहीं दिखाते हैं। मुख्य सड़क से जुडऩे वाली सड़क का कई बार सर्वे किया गया, लेकिन निर्माण नहीं हुआ। माध्यमिक शाला की चहारदीवारी का निर्माण अधूरा है।
डबरे का पीते हैं पानी
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में पेयजल की विकराल समस्या है। यहा हैण्डपंपों की नितांत जरूरत है। वर्तमान में ग्रामवासी डबरे का पानी पीने को विवश है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि गांव में मेहीलाल सिंह, भोला सिंह, रणविजय सिंह और गोरेलाल यादव के घर के पास हैण्डपंप लगवा दिए जाए तो पेयजल की समस्या का निदान हो जाएगा।

shahdol
सोयाबीन की फसल में नहीं आई फलियां
शहडोल. जिले के दूर दराज क्षेत्र से आये ग्रामीणों की कलेक्टर अनुभा श्रीवास्तव ने समस्याएं सुनी और उनके आवेदनों को निराकरण हेतु संबंधित विभाग के अधिकारी की ओर प्रेषित किया। जनसुनवाई के दौरान ग्राम मिठौरी के कृषकों ने लिखित देकर बताया कि फसल उपचार के बाद भी कीट व्याधि से उनकी सोयाबीन की फसल पूरी तरह चौपट हो गई है। सोयाबीन की फसल में प्रति पौधे 80 से 150 फल्लियां लगती हैं, मगर इस साल 5 से 10 फल्लियां ही आई है और कई पौधों में तो फल्ली लगी ही नहीं हैं। ऐसी स्थिति में क्षेत्र के किसान निराश व हताश हैं। अधिकांश किसान आर्थिक तंगी के कारण फसल बीमा भी नहीं करा पाए हैं। ऐसी स्थिति में वह आत्मदाह के लिए भी मजबूर हो सकते हैं। किसानों ने मांग की है कि संयुक्त टीम द्वारा सर्वे कराकर मुआवजा दिलाया जाए। कृषकों में सुरेन्द्र ङ्क्षसह, धनेश सिंह, कृष्णकांत सिंह, प्रशांत सिंह, सुजीत ङ्क्षसह, विनय सिंह, राजकुमार ङ्क्षसह, केदार सिंह वैस, राम ङ्क्षसह जोधावत और संजय सिंह शामिल रहे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो