इस शिविर में वुशु खेल की तकनीक के साथ-साथ बालिकाओं को आत्मरक्षा के विशेष गुण भी सिखाए जा रहे हैं। जिनसे यह बदलते माहौल में भी अपनी रक्षा करने के साथ-साथ अन्य की रक्षा कर सके। वुशु खेल में खिलाड़ी पंच, किक के साथ-साथ थ्रो का प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है। जिससे खिलाड़ी अन्य मार्शल आर्ट के खि़लाडिय़ो से बेहतर होता है। ईवा सभी मार्शल आर्ट की विधाओं के खिलाडिय़ो को हराने का दम-खम रखता है।
प्रशिक्षक ने बताया की इस प्रशिक्षण शिविर से प्रशिक्षित खिलाडिय़ों को स्कूल खेल प्रतियोगिताओं एवं साथ ही विभिन्न प्रतियोगिताओं में सम्मिलित कराया जाएगा। साथ ही इन्होंने बताया की वुशु खेल में खिलाड़ी प्रशिक्षण प्राप्त करके जिला राज्य रास्ट्रीय स्पर्धाओं के साथ साथ एशियन तक पहुच सकते हैं। साथ ही पुलिस, आर्मी जैसी शासकीय भर्तियो में आरक्षण एवं मिलने बलि सुविधाओं एवं छूट का लाभ ले सकते हैं। साथ ही वुशु में पदक प्राप्त करके भारतीय खेल प्राधिकरण एवं स्पोट्र्स अकादमियों में चयनित हो सकते हैं। वुशु खेल में राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर पदक प्राप्त खिलाडिय़ों को राज्य एवं केंद्र शासन के द्वारा खेल छात्रवृत्ति भी प्रदान की जाती है एवं अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में पदक प्राप्त करने पर केंद्र एवं राज्य शासन द्वारा एकलव्य, अर्जुन अवार्ड प्रदान किए जाते हैं, साथ ही शासन द्वारा शासकीय नौकरी प्रदान की जाती है। पूर्व में प्रशिक्षित खिलाडिय़ो ने गत वर्ष जिला, संभाग, राज्य एवं राष्ट्रीय स्पर्धाओं में अनेकों पदक प्राप्त किए हैं। प्रशिक्षक ने बताया कि इस शिविर में खेल विभाग द्वारा प्रशिक्षण के लिए उपयुक्त खेल सामग्री खिलाडिय़ों को उपलब्ध कराई जा रही है।
यह कैंप ०1 मई से 30 मई तक चलेगा। वुशु प्रशिक्षण पुलिस लाइन में बास्केटबॉल ग्राउंड के बाजू में प्रदान किया जा रहा है। इस शिविर में बालक बालिका 6 से 19 वर्ष तक के भाग ले सकते है। नियमित उपस्थिति वाले बच्चों को कैंप के समापन अवसर पर प्रमाण पत्र दिया जायेगाएएवं अन्य पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।
खिलाडिय़ों ने सुनाए अनुभव –
वुशू खिलाड़ी मोनिका सनोडिया ने बताया कि मैं गांव में रहती हूं और गांव से अकेले पापा के साथ वूशु सीखने आती हूं, पहली ही स्पर्धा में पदक प्राप्त कर राष्ट्रीय स्पर्धा में पहुंची। निशा बघेल ने कहा कि पहले जब वुशू सीखने जाती थी, तो मोहल्ले के लोग मुझे देखकर मजाक उड़ाते थे आज तारीफ करते हैं। पहली ही बार में राज्य स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता है। भूमिका उइके ने बताया कि माँ पुलिस में है। फिटनेस के लिए वूशु सीखने भेजा और मैंने 2 राज्य स्पर्धा में ०2 स्वर्ण पदक जीते और 2 राष्ट्रीय स्पर्धा में भाग लिया। अब अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में जाना है। प्रतीक कौशिक ने बताया कि अनुशासन, नियमित अभ्यास के कारण ०3 से अधिक राष्ट्रीय स्पर्धाओं में मैंने पदक जीते हैं।
प्रशिक्षक ने बताया की इस प्रशिक्षण शिविर से प्रशिक्षित खिलाडिय़ों को स्कूल खेल प्रतियोगिताओं एवं साथ ही विभिन्न प्रतियोगिताओं में सम्मिलित कराया जाएगा। साथ ही इन्होंने बताया की वुशु खेल में खिलाड़ी प्रशिक्षण प्राप्त करके जिला राज्य रास्ट्रीय स्पर्धाओं के साथ साथ एशियन तक पहुच सकते हैं। साथ ही पुलिस, आर्मी जैसी शासकीय भर्तियो में आरक्षण एवं मिलने बलि सुविधाओं एवं छूट का लाभ ले सकते हैं। साथ ही वुशु में पदक प्राप्त करके भारतीय खेल प्राधिकरण एवं स्पोट्र्स अकादमियों में चयनित हो सकते हैं। वुशु खेल में राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर पदक प्राप्त खिलाडिय़ों को राज्य एवं केंद्र शासन के द्वारा खेल छात्रवृत्ति भी प्रदान की जाती है एवं अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में पदक प्राप्त करने पर केंद्र एवं राज्य शासन द्वारा एकलव्य, अर्जुन अवार्ड प्रदान किए जाते हैं, साथ ही शासन द्वारा शासकीय नौकरी प्रदान की जाती है। पूर्व में प्रशिक्षित खिलाडिय़ो ने गत वर्ष जिला, संभाग, राज्य एवं राष्ट्रीय स्पर्धाओं में अनेकों पदक प्राप्त किए हैं। प्रशिक्षक ने बताया कि इस शिविर में खेल विभाग द्वारा प्रशिक्षण के लिए उपयुक्त खेल सामग्री खिलाडिय़ों को उपलब्ध कराई जा रही है।
यह कैंप ०1 मई से 30 मई तक चलेगा। वुशु प्रशिक्षण पुलिस लाइन में बास्केटबॉल ग्राउंड के बाजू में प्रदान किया जा रहा है। इस शिविर में बालक बालिका 6 से 19 वर्ष तक के भाग ले सकते है। नियमित उपस्थिति वाले बच्चों को कैंप के समापन अवसर पर प्रमाण पत्र दिया जायेगाएएवं अन्य पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।
खिलाडिय़ों ने सुनाए अनुभव –
वुशू खिलाड़ी मोनिका सनोडिया ने बताया कि मैं गांव में रहती हूं और गांव से अकेले पापा के साथ वूशु सीखने आती हूं, पहली ही स्पर्धा में पदक प्राप्त कर राष्ट्रीय स्पर्धा में पहुंची। निशा बघेल ने कहा कि पहले जब वुशू सीखने जाती थी, तो मोहल्ले के लोग मुझे देखकर मजाक उड़ाते थे आज तारीफ करते हैं। पहली ही बार में राज्य स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता है। भूमिका उइके ने बताया कि माँ पुलिस में है। फिटनेस के लिए वूशु सीखने भेजा और मैंने 2 राज्य स्पर्धा में ०2 स्वर्ण पदक जीते और 2 राष्ट्रीय स्पर्धा में भाग लिया। अब अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में जाना है। प्रतीक कौशिक ने बताया कि अनुशासन, नियमित अभ्यास के कारण ०3 से अधिक राष्ट्रीय स्पर्धाओं में मैंने पदक जीते हैं।