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जागो जनमत पत्रिका

locationसिवनीPublished: Nov 15, 2018 12:56:25 pm

Submitted by:

akhilesh thakur

सिवनी को लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व वापस करने उठी मांग, निर्भीक और निष्पक्ष होकर मतदान करने की ली शपथ, सिवनी व बरघाट विस में पहुंचा पत्रिका का जागो जनमत रथ

jago janamat rath

जागो जनमत पत्रिका

सिवनी. पत्रिका का जागो जनमत रथ मंगलवार को सिवनी व बरघाट विधानसभा क्षेत्र में पहुंचा। रथ के द्वारा लोगों को मतदान के लिए जागरूक किया जा रहा है। जागो जनमत २०१८ के अंतर्र्गत सिवनी विस के छिंदवाड़ा चौक पर मतदाता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस दौरान समाजिक संगठन के लोगों ने सिवनी की लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व वापस किए जाने की बात कही। शहर में पीने के पानी और खराब सड़क की समस्या से निजात दिलाए जाने की बात कही। इसके उपरांत पत्रिका के जागो जनमत कार्यक्रम में सभी उपस्थितजनों ने २८ नवंबर को निर्भीक और निष्पक्ष होकर मतदान करने की शपथ ली।
सवाल –
1. जनप्रतिनिधि की सक्रियता कितनी है। उनकी किस तरह की भूमिका होनी चाहिए?
२. आपके यहां सरकारी अस्पताल, सरकारी स्कूल और सुरक्षा की क्या स्थिति है?
3. जात-पात की राजनीति का क्या नुकसान होता है? इसके खात्मे के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिएं?
4. पार्टियां चुनावों में घोषणाएं करती हैं पर मुकर जाती हैं। सिस्टम को कैसे ठीक किया जा सकता है?
सिवनी – जवाब।
डॉ. भूपेंद्र मिश्रा – जनप्रतिनिधि ऐसा होना चाहिए, जो जनता को आसानी से उपलब्ध हो। जनता की समस्याओं को गंभीरता से ले और उसका निर्धारित अवधि में समाधान कराए।

दिलीप माना ठाकुर – सरकारी अस्पताल की स्थिति ठीक नहीं है। यहां चिकित्सकों की कमी बनी हुई है। मरीजों को उपचार के बाद थोड़ी भी गंभीर समस्या होने पर रैफर कर दिया जाता है।
शिव कुमार डेहरिया – जात-पात की राजनीति लोकतंत्र को खोखला कर रही है। समाज में हर जाति के लोगों के लिए एक नजरिया होना चाहिए। जात-पात से ऊपर उठकर स्वच्छ व इमानदार छवी के जनप्रतिनिधि का चुनाव करना चाहिए।
संतोष राय – चुनाव के समय कोई भी राजनीतिक दल यदि कोई घोषणा करता है तो उसे उसको अमल में लाना चाहिए। यदि वह उसे अमल में नहीं ला पाता है तो ऐसा सिस्टम बनाया जाना चाहिए, जिससे उसको उक्त पद से पृथक किया जा सके ताकि चुनाव के समय जनता ठगी न जाए।
बरघाट – जवाब।
फारूख – जनप्रतिनिधि ऐसा हो जिसे जनता से मिलने में कोई कठिनाई न हो। चुनाव के समय जनता के चरणों में गिरने और उसके बाद मुंह मोडऩे वाले की पहचान कर दरकिनारे करने की आवश्यकता है। तभी जाकर बदलाव होगा।
प्रणय – सरकारी स्कूलों में गुणवत्ता पूर्ण पढ़ाई का अभाव है। सरकारी अस्पताल में मरीजों को सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। अपराध में वृद्धि हुई है।

तरूण हरिनखेड़े – जात-पात देखकर जनप्रतिनिधि का चुनाव किया जाना उचित नहीं है। जात-पात की राजनीति नहीं होनी चाहिए। इससे देश व समाज दोनों का नुकसान होता है।
चंद्रकुमार उमरकर – जनप्रतिनिधि को चुनाव जीतने के बाद हर छह माह पर अपना रिपोर्ट जनता के सामने प्रस्तुत करना चाहिए। उसको बताना चाहिए कि उसने क्या घोषणाएं की थी और उसमें से कितना पूरा किया कितना बाकी है, जो बाकी है वो कब तक पूरा होगा।

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