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बच्चे स्कूल नहीं जा रहे मैडम ब्लास्टिंग रूकवा दो

locationसिवनीPublished: Jun 20, 2018 12:15:03 pm

Submitted by:

santosh dubey

जनसुनवाई में एडीएम से लगाई गुहार

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बच्चे स्कूल नहीं जा रहे मैडम ब्लास्टिंग रूकवा दो

 

सिवनी. कुरई विकासखण्ड के ग्राम पंचायत सारसडोल के ग्राम चारगांंव में पत्थर खदान में की जा रही ब्लास्टिंग से घर, स्कूल भवन आद में आ रही दरारे आ रही है। इससे ग्रामवासियों को परेशानी हो रही है। परेशान ग्रामवासी मंगलवार को जनसुनवाई में अपर कलेक्टर से मिलकर ज्ञापन सौंपा और ब्लास्टिंग बंद कराने की गुहार लगाई। कहा कि मैडम बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं ब्लास्टिंग रूकवा दीजिए।
ग्रामवासी कैलाश चंद्रवंशी, उमेश सोनी, सम्मूलाल, दादूराम, लक्ष्मीचन्द्र सनोडिया, सुखराम उइके, मनमोहन, सुरेश कुमार, अयोध्या, विनोद सनोडिया, अनिल कुमार, भूरा, लेखराम चन्द्रवंशी, अशोक, केशरी प्रसाद, कोमल, एमएस तुमड़ाम, श्याम सोनी, राजकुमारी, चमरू आदि ने बताया कि गांव में पत्थर खदान में ब्लास्टिंग किए जाने से मकान के अलावा स्कूल, आंगनबाड़ी भवनों में दरारे आ गई हैं। दरार निरंतर बढ़ते जा रही है। साथ ही तालाब के बांध में भी दरारें आई हैं। कॉलोनी एवं बस्ती में बने घरों में दरारे आने से घर कमजोर हो गए हैं। खदान से लगी कृषि भूमि, खेल मैदान, रोड, मोक्षधाम आदि में यहां नुकसान हो रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि शक्तिशाली धमाकों के कारण गांव में दहशत व्याप्त है। खदान को शीघ्र बंद किए जाने की मांग की है।
पुलिस ने धमकाया महिलाओं को
जनसुनवाई में ग्राम के अधिकांश पुरुष के आने के बाद ग्राम में पहुंची पुलिस ने महिलाओं को कार्रवाई किए जाने की धमकी देकर शिकायत नहीं करने की बात कही है। राजकुमारी तुमराम, देनी सनोडिया, गिरवती धुर्वे, सावित्री चंद्रवंशी, हेमवती सनोडिया, आशा सरयाम, जमुना तुमराम, वर्षा धुर्वे, कुसुम चंद्रवंशी ने बताया कि पुलिस कह रही थी कि यदि तुम लोग ग्राम में ब्लास्टिंग का विरोध करोगे तो तुम्हारे खिलाफ कार्रवाई करेंगे। इस पर महिलाओं ने कहा कि हमारे घर के पुरुष सदस्यों को आने के बाद बात करिएगा। इस पर पुलिस ने कहा कि सभी को थाने ले जाएंगे। महिलाओं ने पुलिस की इस बात का विरोध किया है।
धमकाया नहीं हैैं महिलाओं को
मैं ग्राम में गया था। मकान का निरीक्षण किया हूं। किसी मकान में दरार नहीं दिखी है, जो दरार मकान में हैं। वह मकान बनाने के समय हुई लापरवाही से है। महिलाओं को धमकाया नहीं गया है, बल्कि उनको कहा गया है कि यदि वे लोग सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करेंंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। वे लोग पत्थर ले जाने से रोकने की बात कर रहे थे।
– आरएन परतेती, एसडीओपी बरघाट

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