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बच्चों को मोबाइल नही संस्कार देना चाहिए

locationसिवनीPublished: Aug 07, 2018 11:59:39 am

Submitted by:

sunil vanderwar

अजित सागर महाराज ने कहा

seoni

बच्चों को मोबाइल नही संस्कार देना चाहिए

सिवनी. संस्कृति और संस्कारों के अभाव में अंशाति का माहौल निर्मित होता है अत: शांति पाने के लिए संस्कारों की आवश्यकता होती है। आप सभी का बुढ़ापा अच्छी तरह बीते इसलिए संस्कारों का बीजारोपण करना चाहिए। उक्ताशय के उदगार दयासागर महाराज ने जैन मंदिर परिसर में धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
इस अवसर पर ऐलक विवेकानंद सागर महाराज ने कहा संस्कृति संस्कारों और शालीनता से जीवन में सभ्यता आती है अत: शिक्षा के पहले संस्कार, व्यापार के पहले संस्कार, जीवन को सुखी और समृद्ध बनाते हैं। संस्कार के अभाव में शिक्षा के फलस्वरूप बच्चे बाहर चले जाते हंै घर वृद्धाश्रम बन जाता है। बच्चों की जवानी माता-पिता का बुढापा, अच्छा बनाना है तो संस्कार अवश्य दें। गुरू से प्राप्त संस्कार जीवन को सौम्य एवं उच्च बनाते हैं। मुनि अजित सागर महाराज ने कहा माटी में मृदुता और बढती है हमें चाहिए कि हम माटी के महत्व को समझें शिशु और शीशी में डाट होना चाहिए क्योंकि शिशु और शीशी में डाट नही होगी तो वह व्यक्ति रास्ते से भटक सकता है। बच्चों को मोबाइल नही संस्कार दें, क्योंकि 12 वर्ष से पहले बच्चे को मोबाइल देने पर उसके शरीर पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। परिश्रम ना करने पर बच्चे रास्ते से भटक सकते हैं।
इस उम्र में उनके हाथों में आध्यात्म की पुस्तकें होना चाहिए ना कि मोबाइल। इसके लिए पहले पिता स्वयं संस्कारवान हों इसके बाद दूसरों को प्रेरित करें। रविवारीय प्रवचन में शिवपुरी से रत्नेश जैन आदि युवा मंडल हरपालपुर से गोंटेगांव से लोग शामिल हुए। कार्यक्रम में प्रभात जैन, निर्मल जैन, मिलन जैन एवं चातुर्मास समिति के अध्यक्ष नरेश दिवाकर आदि ने भी महाराज के समक्ष श्रीफल अर्पित किया।
भगवान शिव को राम नाम प्रिय है, ऐसी मान्यता सनातन धर्म की है। इसी के अनुसार सावन मास में शिव को प्रिय श्रीराम नाम के संकीर्तन व रामायण का अखण्ड पाठ जगह-जगह किया जा रहा है। सावन के सोमवार को बड़ी संख्या में लोगों ने शिव पूजन कर रामनाम संकीर्तन किया।
जिला मुख्यालय में सिद्धपीठ मठ मंदिर में पूरे एक महीने तक अखण्ड रामायण पाठ शिव के समक्ष हो रहा है। इसके अलावा जिले के विभिन्न स्थानों पर भी सुंदरकाण्ड, रामायण पाठ व अभिषेक पूजन हो रहा है। यह क्रम पूरे सावन महीने जारी रहेगा।

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