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दर्द से तड़पती रही गर्भवती, सात घंटे बाद पहुंचा एनिस्थिसिया का डाक्टर

locationसिवनीPublished: Apr 15, 2019 11:45:37 am

Submitted by:

mahendra baghel

प्रायवेट से एनिस्थिसिया के डाक्टर को बुलाने के बाद हुआ आपरेशन

Anesthesia dentist

दर्द से तड़पती रही गर्भवती, सात घंटे बाद पहुंचा एनिस्थिसिया का डाक्टर

सिवनी. जिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं का आलम कम होने का नाम नहीं ले रहा है। करीब एक माह पूर्व कांग्रेस के जिला प्रवक्ता जकी अनवर खान के उपचार में लापरवाही किए जाने की वजह से मौत होने के आरोप की जांच अभी चल रही है। इसबीच रविवार को एक बार फिर इंसानियत शर्मसार हुई है। जिला अस्पताल में एक गर्भवती आपरेशन थियेटर के बाहर टेबल पर सात घंटे दर्द से तड़पती रही और एनेस्थिसिया (बेहोशी) का इंजेक्शन देने वाला कोई चिकित्सक नहीं आया। परिजनों की बार-बार शिकायत के बाद अस्पताल प्रशासन ने एक निजी चिकित्सक को बुलवाया। इसके बाद आपेरशन कर डिलिवरी कराई गई। यह दृश्य एक बानगी मात्र है।
शहर के बारापत्थर निवासी शिक्षक पीके राय ने ‘पत्रिकाÓ को बताया कि उनके पुत्र अंकित राय की पत्नी स्वाती राय (२६) को प्रसव पीड़ा होने पर रविवार की सुबह पांच बजे जिला अस्पताल पहुंचाया गया। चिकित्सकों ने ऑपरेशन करने की बात बताई। कहा कि एनेस्थिसिया का इंजेक्शन देने वाले डॉक्टर के आने के बाद आपरेशन से डिलीवरी होगी। लंबे इंतजार के बाद डाक्टर नहीं आया तो स्वाती को ऑपरेशन थियेटर के एक टेबल पर ले जाकर छोड़ दिया गया, जहां वह दर्द से तड़पती रही। गौर करने वाली बात है कि वहां एक अन्य गर्भवती भी दर्द से तड़प रही थी, जिसके परिजनों ने बताया कि वह रात तीन बजे से परेशान है। इसकी जानकारी होते ही स्वाती के परिजन घबरा गए। उन्होंने ओटी में मौजूद महिला डॉक्टर और नर्सेस से संपर्क साधा। ड्यूटीरत ने बताया कि एनेस्थिसिया के लिए जिला अस्पताल में जो महिला डॉक्टर हैं, वह छुट्टी पर हैं। इसकी जानकारी होते ही परिजनों ने इससे प्रशासन को अवगत कराया। इसके बाद दोपहर करीब १२ बजे निजी अस्पताल से एनेस्थिसिया का इंजेक्शन देने वाले चिकित्सक को बुलवाया गया, जिसने इंजेक्शन दिया। इसके बाद आपरेशन कर डिलिवरी कराई गई। आरएमओ डॉ. पी सूर्या ने बताया कि एनेस्थिसिया के डॉक्टर की कमी बीते दो साल से है। वर्तमान में एकमात्र शासकीय डॉक्टर हैं। उनके मौजूद नहीं रहने पर प्रायवेट से एनेस्थिसिया के डॉ. पवन राहंगडाले को बुलवाकर उपचार करवाया जाता है। इसका उनको मानदेय दिया जाता है।

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