इसमें खास बात यह है कि सड़क पर अतिक्रमण कर गाडिय़ों का मेंटेनेंस करने वाले मैकेनिकों के खिलाफ न तो नगर पालिका कोई कार्रवाई करती है और न ही ट्रैफिक पुलिस द्वारा नो-पार्किंग में खड़े होने वाले इन वाहनों पर जुर्माना किया जाता है। नगर पालिका और ट्रैफिक पुलिस की इस अनदेखी के कारण यहां से आवाजाही करने वाले लोग काफी परेशान होते हैं। दोनों साइड का ट्रैफिक एक साइड से निकलने को लेकर यहां पर हर समय सड़क हादसे की संभावना बनी रहती है।
एक दिन में निकलते हैं चार हजार वाहन…
पुराने स्टेट हाइवे से एक दिन में करीब चार हजार वाहन निकलते हैं। आष्टा की तरफ आवाजाही करने वाले यात्री वाहन और लोडिंग वाहन भी इस रूट से निकलते हैं। सुबह १० बजे से रात करीब ९ बजे तक इस रूट पर ट्रैफिक दबाव रहता है। इंदौर नाके पर लाइन से खराब गाडिय़ों के मुख्य मार्ग पर खड़े होने से बार-बार ट्रैफिक जाम होता है और हर समय हादसों का डर बना रहता है।
शहर को चाहिए ट्रांसपोर्ट नगर…
शहर की आबादी और दायरा तेजी से बढ़ रहा है। आबादी और दायरा बढऩे के साथ ही दोपहिया और चार पहिया वाहनों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। इस आधार पर नगरीय प्रशासन को शहर को डेवलप करने की योजना बनानी चाहिए। शहर को ट्रांसपोर्ट नगर की जरूरत है, शहर में ट्रांसपोर्ट नगर विकासित होना चाहिए, जिससे मैकेनिकों की दुकानों को एक जगह शिफ्ट किया जा सके।