जानकारी के अनुसार रात आठ बजे के बाद इंदौर-भोपाल के बीच दौडऩे वाली बस सीहोर बस स्टैंड पर आना बंद कर देती हैं। यह बस सैकड़ाखेड़ी जोड़ बायपास से सीधे निकल जाती हैं। ऐसे में सीहोर से इंदौर-भोपाल रूट पर आवाजाही करने वाले यात्री सैकड़ाखेड़ी जोड़ तक पैदल आवालाही करनी पड़ती है। रात में इस रूट के लिए ऑटो भी नहीं मिलते हैं, यात्रियों को काफी परेशानी होती है, इसलिए जरूरी है कि सैकड़ाखेड़ी जोड़ पर एक सैटेलाइट बस स्टैंड बनाया जाए, जिससे कि शहरवासियों की परेशानी हमेशा के लिए दूर हो जाए।
बसों को शहर लाने के प्रयास नहीं हुए सफल
इंदौर-भोपाल रूट पर दौडऩे वाली बसों को रात 8 बजे के बाद सीहोर बस स्टैंड पर लाने के लिए प्रशासन काफी मशक्कत कर चुका है, लेकिन बस ऑपरेटर तैयार नहीं होते हैं। बस ऑपरेटरों के रात को शहर में नहीं आने के पीछे दो तर्क रहते हैं। पहला तो यह कि सवारी कम मिलती है दूसरा इधर से निकलने में करीब आधा घंटे का समय लगता है। बसों के परमिट सीधे इंदौर-भोपाल के होने के कारण भी प्रशासन इन पर ज्यादा दबाव नहीं बना पाता है, ऐसे में जरूरी है कि सैकड़ाखेड़ी जोड़ पर सैटेलाइट बस स्टैंड डेवलप कर दिया जाए, जिससे यात्रियों की समस्या खुद ही हल हो जाए।
एक दिन में सात हजार यात्री करते हैं सफर
सीहोर शहर से एक दिन में करीब सात हजार यात्री आवाजाही करते हैं। इन यात्रियों में कुछ लोग तो वह हैं जो भोपाल में लेट नाइट नौकरी करते हैं और रोज रात को शहर आते हैं। यह यात्री रोज रात को सैकड़ाखेड़ी जोड़ से डेढ़ किलो मीटर का सफर तय कर पैदल शहर के लिए आते हैं। सड़क के दोनों तरफ शुगर फैक्ट्री की जमीन होने के कारण इस क्षेत्र में आबादी कम है, रात को यह क्षेत्र सूनसान रहता है, ऐसे में यात्रियों को लूटपाट की वारदात का भी डर बना रहता है।
बन सकता है नया शहर
सैकड़ाखेड़ी बायपास पर सैटेलाइट बस स्टैंड बनने से शेरपुर गांव काफी डेवलप हो सकता है। यह क्षेत्र मैकेनिक नगर, सैटेलाइट बस स्टैंड और ट्रांसपोर्ट नगर एक ही स्थान पर बनने से नए शहर के रूप में विकसित हो सकता है, यहां पर डेवलपमेंट के लिए राजस्व की बहुत सी जगह खोली पड़ी है। शहर में डेवलपमेंट के लिए नगर पालिका और राजस्व के पास पर्याप्त जगह भी नहीं है।
वर्जन…
– सैकड़ाखेड़ी पर सैटेलाइट बस स्टैंड डेवलप करने का प्लान मेरे मन में चल रहा है। जल्द ही इस दिशा में कोई पहल करेंगे। यह भी हो सकता है कि ट्रांसपोर्ट नगर के साथ ही इसकी नींव रखी जाए।
अजय गुप्ता, कलेक्टर सीहोर