भीड़ के कारण पंडाल फुल होने से श्रद्धालुओं ने बाहर खुले परिसर में जिसको जहां जगह मिली वही बैठकर कथा का श्रवण किया। श्रद्धालुओं ने बताया कि भगवान भोलेनाथ की कथा सुनने के लिए हर तकलीफ सह लेंगे। बाबा ने ही इतनी दूर से यहां बुलाया है तो कथा पूरी सुनकर ही वापस लौटेंगे।
जिला प्रशासन, विठलेश सेवा समिति, ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के लोगों ने कई जगहों पर भंडारे का आयोजन किया है। विठलेश सेवा समिति की माने तो अब तक लाखों लोगों ने प्रसादी ग्रहण की है। श्रद्धालुओं के लिए भोजन, पानी सहित अन्य सारी सुविधा की गई है। सीहोर के लोग भी श्रद्धालुओं की सेवा कर रहे हैं। समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि रुद्राक्ष महोत्सव में दूर दराज से श्रद्धालु आ रहे हैं। सुबह रूद्राक्ष अभिषेक, दोपहर में कथा और रात में धार्मिक कार्यक्रम हो रहे हैं।
शिवमहापुराण कथा में चौथे दिन पंडित प्रदीप मिश्रा ने बताया कि आपके घर में शिवलिंग होना जरूरी है। घर के शिवलिंग और मंदिर दोनों में अंतर है। आपको जब भी संकट आता है तो आप किसको याद करते हैं, अपने घर के भगवान को। आज विश्व में एक ही जयकारा सुनाई देता है बोल बम का नारा है, भोलेनाथ हमारा है। भोले को मनाने के लिए तुम्हें कोई महान जतन करने की जरूरत नहीं है। बस एक लोटा जल और हर समस्या का हल। यानी बाबा के शिवलिंग पर एक लौटा जल अर्पित कर दो, तुम्हारी सारी समस्याओं का समाधान और मनोकामना पूरी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि भगवान शिव की पूजा बहुत सरल है।
डॉक्टर अपना कार्य करता है और भगवान की प्रार्थना भी अपना कार्य करती है। ईश्वर के बाद अगर किसी व्यक्ति को जिंदगी देता है तो वह डॉक्टर ही है। इसलिए उसे धरती का भगवान कहा जाता है। डॉक्टर की भी सलाह ले और भगवान की भक्ति करे। आपके रोग का अवश्य निदान होगा। भगवान पर भरोसा जरूर होना चाहिए।
पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि भगवान को किसी भी आडंबर या दिखावे की जरूरत नहीं है। भगवान आपकी सादगी की पूजन से प्रसन्न होते हैं। आप कितने ही सुंदर हो जाओ लेकिन एक दिन ऐसा आता है जब आपकी काया ढल जाती है। आपका शरीर मुरझा जाता है, लेकिन भक्ति की शक्ति और विश्वास कभी कम नहीं होता। जिसका भगवान पर विश्वास है वह हमेशा सफलता पाता है।