इसके लिए समाज के लोगों ने एसडीएम से मिलकर शहर के मनकामेश्वर मंदिर में मिशन माटी दीप कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति मांगी गई। कार्यक्रम का आयोजन 15 अक्टूबर को शाम 6 से 9 बजे तक किया जाएगा। गौरतलब है सिहोर जिले के लोगों से मिट्टी से बने दीपों का उपयोग करने की अपील की गई हैं
संस्कृति को भूलते जा रहे है लोग
प्रजापति समाज के जिलाध्यक्ष विष्णु सम्राट प्रजापति ने बताया कि जिंदगी रोज आधुनिक होती है और रोज बदलती जाती है। यही वजह है कि हम अपनी कला, संस्कृति को भूलते जा रहे हैं। अपनी संस्कृति और विरासत की उपेक्षा करना एक तरह की आधुनिकता बन गयी है।
चकाचौंध ने किया तहस-नहस
आधुनिकता की चकाचौंध ने भारतीय परंपरा और त्यौहारों के को तहस-नहस कर दिया है।यही कारण है की सदियों से चली आ रही पुरानी रिवायती वस्तुएं अपने वजूद से कोसो दूर भाग रही है।
1100 मिट्टी के दीपों से किया जाएगा प्रज्जवलित
आधुनिकता का असर दीपावली जैसे पर्वों पर भी पड़ा और वह रिवायतों से दूर होती जा रही है। यही वजह है कि मिट्टी के दीपों की जगह बिजली के बल्बों और मोमबत्तियों और चायना से निर्मित अन्य वस्तुओं ने ली है।
इनको रोकने के लिए प्रजापति समाज की अनूठी पहल की जा रही है। इस पहल के तहत शहर के तहसील चौराहा स्थित प्राचीन मनकमेश्वर महादेव मंदिर में 1100 मिट्टी के दीपों से प्रज्जवलित किया जाएगा।
कार्यक्रम मिशन माटी दीप के आयोजन में जिलाध्यक्ष विष्णु सम्राट प्रजापति, ग्रामीण अध्यक्ष अनिल प्रजापति, सुनील प्रजापति, प्रकाश प्रजाति, प्रेम प्रजापति, रमेश उस्ताद, सुदीप प्रजापति,गणेश प्रजापति, लक्ष्मीनारायण, दीपक, बबलू, चिमनलाल, भारत प्रजापति, संतोष, राजेश, मदनलाल, रतिराम, बेनी प्रजापति, अन्नू काका, राकेश पटेल, गब्बर प्रजापति, कैलाश प्रजापति शामिल हैं।