इस वर्ष पूजा एवं व्यवस्था आचार्य पृथ्वी वल्लभ दुबे एवं हेमंत वल्लभ दुबे द्वारा सम्पन्न की कराई जाएगी। मेेले में इस वर्ष सागर व भोपाल आदि भव्य झूले व दुकाने, मनोरंजक खेल तमाशे आकर्षक आयटम मेले की शोभा बढ़ाएंगे। इसके साथ ही भगवान गणेश का प्रतिदिन नित्य नया श्रृंगार किया जाएगा तथा विशेष आकर्षक मनमोहक श्रृंगार के दर्शन सभी धर्मावलंबियों को प्राप्त होगें।
पंडित पृथ्वी वल्लभ दुबे ने बताया कि गणेश जन्म उत्सव मेला गणेश चतुर्थी 13 सितम्बर को सुबह 4 बजेे से श्री गणेश का महाभिषेक पूजन, सुबह छह बजे तक चलेगा। इसके बाद सुबह 6 बजे के बाद दर्शनार्थिगणों का ग्रर्भगृह में प्रवेश बंद हो जाएगा। दर्शन व्यवस्था सभा मंडप से प्रारंभ हो जाएगी। दोपहर 12 बजे जन्म महाआरती होगी तथा मेला प्रारंभ हो जाएगा। परंपरा के अनुसार 23 सितम्बर अनंत चौदस तक प्रतिदिन दर्शन उपलब्ध रहेंगे। इस शुभावसर पर सभी धर्मप्रेमी माताओं-बेहनों व श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि अधिक से अधिक संख्या में पधार कर मेले की शोभा बढ़ाए एवं श्री गणेश जी के दर्शन कर धर्म लाभ प्राप्त करें।
किया जाएगा भव्य मेले का आयोजन
गणेशोत्सव के दौरान मंदिर में भव्य मेले का अयोजन किया जाएगा। मेले में कई तरह के झूले होंगे। सागर और भोपाल के झूले आकर्षण का केंद्र रहेंगे। इस दौरान मंदिर में अलग अलग जगह से लोग आकर भगवान गणेश का दर्शन करते हैं। हर साल लाखों की संख्या में भक्त आकर यहां भगवान के दर्शन करते हैं। साथ ही मेले का भी मजा लेते हैं। यह मेला कई सालों से जहां लगाया जा रहा है।