नहीं ले पाएं घोड़ों के सैंपल
सीहोर कृषि उपज मंडी क्षेत्र में कुछ महीने पहले एक घोड़े में ग्लैंडर्स का वायरस मिला था। जिसका सैंपल लेकर जांच के लिए लैब में भेजा तो उसकी पॉजीटिव रिपोर्ट आई थी। उसके बाद आसपास के अन्य घोड़ों के भी सैंपल लेना थे। विभागीय डॉक्टर अब तक यह भी नहीं कर पाएं हैं। डॉक्टरों का तर्क है कि घोड़े के मालिक इस काम में सहयोग नहीं कर रहे हैं। जिसके चलते पुलिस को इसकी शिकायत दर्ज कराई है। सोमवार या फिर मंगलवार को पुलिस की मदद से सैंपल लिए जाएंगे।
जानकारी ही नहीं ली गई
शासन की योजनाओं को आमलीजामा पहनाने में पशु पालन विभाग के अफसर लापरवाही दिखाने में लगे है। सबसे बेकार स्थिति सीहोर ब्लॉक में बनी हुई है। कई किसान विभाग की योजनाओं का लाभ लेना तो दूर की बात उनको इसकी जानकारी ही नहीं है। किसानों ने बताया कि विभाग आने वाली योजनाओं का प्रचार-प्रसार ही नहीं कराता है। इस कारण कुछ चुनिंदा किसान ही इनका लाभ लेकर फायदा उठा लेते हैं। जबकि वास्तविक में जिनको इनकी जरूरत है, उन तक पहुंच ही नहीं पाती है।
योजनाओं में मिलता है अनुदान
विभाग की योजनाओं में पात्र हितग्राही को निर्धारित अनुदान भी मिलता है। इसमें एक योजना बकरी इकाई का प्रदाय भी शामिल है। इसका उद्देश्य देशी बकरियों में नस्ल सुधार, हितग्राहियों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाकर मांस तथा दुग्ध उत्पादन में वृद्धि करना है। यह योजना सभी वर्ग के भूमिहिन, कृषि मजदूर सीमांत और लघु किसानों के लिए है। इस योजना का लाभ लेने हितग्राही को आवेदन करना रहता है। इसमें अजा-अजजा वर्ग को 50, सामान्य वर्ग को 25 प्रतिशत अनुदान मिलता है। इस योजना से अब तक कई किसान दूर है। उल्लेखनीय है कि योजना के तहत हितग्राही बकरी पालन कर आमदानी बढ़ा सकता है। बता दे कि इसके अलावा भी विभाग में कई योजनाएं चल रही है।
कितना आया साल 2019-20 में टारगेट
पशुपालन विभाग के अधिकारियों की माने तो साल 2019-20 में बकरी इकाई योजना में 25, वतस्य पालन 71, मुर्रा पाड़ा 56, नंदी शाला 27, आचार्य विद्याशाला में 50 प्रकरण का टारगेट आया है। जिसमें अब तक इक्का दुक्का किसान को ही योजना का लाभ मिला है। जबकि कई किसानों को इसकी जानकारी नहीं है।
सभी को लाभ देते हैं
पशु पालन विभाग के तहत आने वाली सभी योजनाओं का लाभ संबंधित पात्र किसान को दिया जाता है। इस बार जरूर थोड़ा टारगेट देरी से आया है, लेकिन उसके बाद भी किसानों को इसकी जानकारी दी गई है। जिसके चलते आवेदन आना शुरू हो गए हैं।
डॉ. सुरेश श्रीवास्तव, पशु चिकित्सा विस्तार अधिकारी सीहोर