रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचे तो नहीं हुई सुनवाई
शिकायत में ग्रामीणों ने आरोप लगाकर बताया कि पंचायत के सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक उनकी निजी जमीन से रोड निकाल रहे हैं। इसमें ट्यबूवेल को भी क्षतिग्रस्त कर दिया है। इसका विरोध किया तो गाली-गलौज कर जान से मारने की धमकी दी। इसकी जावर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचे तो सुनवाई नहीं हुई। इसे लेकर 14 जून को जावर तहसीलदार को ज्ञापन भी दिया था, जिसमें समस्या का उल्लेख किया था उसके बाद भी कुछ नहीं हुआ। इसकी जांच कर संबंधित पर कार्रवाई की जाएं। इस अवसर अखिल भारतीय बलाई महासंघ राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज परमार, अमरीश बिजौनिया सहित बड़ी संख्या में महिला-पुरूष उपस्थित थे।
बस स्टैंड पर खतरे के साएं में समय काट रहे यात्री
आष्टा. शहर के बस स्टैंड स्थित यात्री प्रतीक्षालय भवन वर्षो पुराना होने से कंडम हो गया है। इसके भवन और दीवार से आए दिन प्लास्टर का मटेरियल टूटकर गिरने से यात्रियों के साथ बड़ा हादसा होने की संभावना बनी रहती है। बावजूद अफसर अंजान बनकर बड़ी घटना होने के इंतजार में बैठे हैं।
हालत खराब होती जा रही है
बस स्टैंड पर कई साल पहले उमराव सिंह के नाम से यात्री प्रतीक्षालय बनाया था। इसकी शुरूआत से ही देखरेख नहीं होने से हालत खराब होती जा रही है। पिछले कई समय से तो छत-दीवार से हर कभी प्लास्टर टूटकर गिरता रहता है। जिससे यात्रियों को प्रतीक्षालय में सुरक्षित जगह तलाश समय बीतना पड़ता है।
दो हजार से अधिक यात्रियों की आवाजाही
स्टैंड से प्रतिदिन दो हजार से अधिक यात्रियों का भोपाल-इंदौर सहित अन्य जगह आना जाना होता है। प्रतीक्षालय के यह हाल होने से उनको परेशानी का भी सामना करना पड़ता है। यात्रियों ने बताया कि इतने यात्री आवाजाही करते हैं तो अफसर क्यों लापरवाही दिखा रहे हैं।