नसरुल्लागंज ब्लॉक में 14 सोसायटी हैं, क्षेत्र में सबसे अधिक गेहूं की बोवनी होती है। पिछले वर्ष किसानों को 9 हजार 800 मैट्रिक टन यूरिया खाद शासन की ओर से उपलब्ध कराया गया था, इस वर्ष पानी की कमी के कारण गेहूं की भूमि का रकबा कुछ कम हुआ है, लेकिन फिर भी 9 हजार मैट्रिक टन यूरिया की आवश्यकता क्षेत्र के किसानों को है इसकी तुलना में अभी तक केवल 4 हजार 600 मैट्रिक टन खाद ही शासन उपलब्ध करा सका है। वर्तमान में देखा जाए तो 4 हजार 400 मैट्रिक टन खाद की आवश्यकता और क्षेत्र के किसानों को है। नहर चल रही है किसान अपने खेतों में पानी दे रहा है इस समय किसान को सबसे अधिक आवश्यकता यूरिया खाद की है, लेकिन यूरिया खाद किसानों को उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। जिससे उनकी फसल को नुकसान हो रहा है।
फसल को हो रहा नुकसान
बोवाई की बाद किसानों के खेत अब फसल से लहलहाने लगे हैं। वहीं नहरों से सिंचाई के लिए पानी भी मिल रहा है। ऐसे में उन्हें गेहूं की फसल की पैदावार बढ़ाने के लिए यूरिया खाद की आवश्यकता पड़ रही है, लेकिन अब उन्हें यूरिया खाद नहीं मिलने के कारण वह खासे परेशान हैं। किसानों को कहना है कि हम यूदिया खाद लेने प्रतिदिन सुबह से ही सोसायटियों पर पहुंच जाते हैं, कि आज यूरिया आएगा तो हमें मिल सकेगा, लेकिन शाम तक इंतजार कर हमें निराश होकर लौटना पड़ रहा है।
अभी तक 4 हजार 600 मैट्रिक टन खाद यहां आ चुका है, जिन्हें किसानों तक पहुंचा दिया गया है। खाद को लेकर गाडिय़ां जैसे-जैसे आ रही हैं, तुरंत ही उन्हें सोसायटियों तक पहुंचाया जा रहा है। शीघ्र ही आवश्यकता के अनुसार खाद की पूर्ति हो जाएगी।
महेन्द्र सिंह मेवाड़ा, क्षेत्र सहायक, मार्कफेड नसरुल्लागंज