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जिला सहकारी बैंक 11 दिन से बंद, हजारों उपभोक्ताओं उठा रहे परेशानी

locationसीहोरPublished: Nov 19, 2018 09:28:12 am

Submitted by:

Radheshyam Rai

जिला सहकारी बैंक से 47 हजार किसान और उपभोक्ता जुड़े हुए हैं

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समस्या… बैंक में लोगों की समस्या दूर नहीं हो रही है।

रेहटी. जिला सहकारी बैंक को बंद हुए आज पूरे 11 दिन हो गए हैं। दीपावली की रात बैंक में आगजनी की घटना के बाद तभी से बैंक बंद है और जिला सहकारी बैंक से हजारों की संख्या में किसान और उपभोक्ता जुड़े होने से किसानों में त्राही-त्राही मची हुई है।
जिला सहकारी बैंक के जिलाधिकारियों की बात माने तो अभी भी स्पष्ट नही है कि बैंक कब तक चालू हो सकेगी। बैंक का जिला प्रबंधन वैकल्पिक व्यवस्था में तो लगा हुआ है, लेकिन सफल नही हो पा रहा है। इस बैंक में नए कम्प्यूटर और उपकरण खरीदने के लिए चुनाव आयोग की अनुमति लेना जरूरी हो गया है। सहकारिता के जिलाधिकारियों ने कलेक्टर के माध्यम से 6 दिन पहले चुनाव आयोग को अनुमति के लिए आवेदन भेजा गया, लेकिन 6 दिन बाद भी चुनाव आयोग से अनुमति नहीं मिल सकी है।
अनुमति नही मिलने और बैंक प्रबंधन की वैकल्पिक व्यवस्था फैल होने से आखिर उपभोक्ताओं की फजीहत कब तक होती रहेगी। इसका जबाव देने वाला कोई नही है। ऐसे में किसानों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।
जिला सहकारी बैंक रेहटी से करीब 17 हजार किसान और 30 हजार से अधिक उपभोक्ता इस बैंक से लेनदेन करते हैं। कुल 47 हजार से अधिक उपभोक्ता इस बैंक से जुड़े हैं। जहां बैंक से पैसा नहीं निकलने के कारण व्यापारियों का धंधा भी ठंडा पड़ गया है और किसानों से पैसा नही मिलने के कारण व्यापारी भी परेशान हैं।
जिला सहकारी बैंक रेहटी कब चालू होगी। यह अभी कोई भी बताने को तैयार नही है। अगर जिलाधिकारियों की बात माने तो अगर चुनाव आयोग से अनुमति मिल भी जाती है। कम्प्यूटर और अन्य उपकरण खरीदने के लिए टेंडर बुलाए जाएंगे। उसके बाद ही उपकरणों की खरीदी संभव हो सकेगी। जहां 7 दिन का समय भी चुनाव आयोग की अनुमति के बाद भी लग सकता है। ऐसे में किसानों की स्थिति बुरी तरह से चरमरा गई है। अगर बैंक और आगे बंद रहती है तो किसानों की स्थिति और भी बिगड़ेगी। जहां किसान बैंक को कोसते नजर आ रहे हैं।
जिले के अन्य ब्रांचों में भी अतिरिक्त कम्प्यूटर नहीं
जिला सहकारी बैंक को 11 दिन बंद होने के बाद जिला बैंक प्रबंधन वैकल्पिक व्यवस्था में प्रयास कर रहा था कि जिले के अन्य ब्रांचों में जो अतिरिक्त कम्प्यूटर हो तो उन्हें रेहटी भेजकर ब्रांच चालू कराई जाए, लेकिन जिले के अन्य ब्रांचों में भी अतिरिक्त कम्प्यूटर नही है। यह वैकल्पिक व्यवस्था भी प्रबंधन की फ्लाप साबित हुई है।

बैंक को चालू कराने में बैंक प्रबंधन कोई कमी नहीं छोड़ रहा है। चुनाव आयोग से परमिशन लेने के लिए रोज सीहोर से अधिकारी निर्वाचन आयोग जा रहे हैं, लेकिन भोपाल में व्यस्तता के कारण अभी तक परमिशन नहीं मिल सकी है। वहीं बैंक में वैकल्पिक व्यवस्था कैसी हो सकती हैं उसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
भूपेन्द्र प्रताप सिंह, जीएम सहकारिता बैंक सीहोर

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