स्वास्थ्य सेवाओं को बहाल करने शासन और स्वास्थ्य विभाग लाखों, करोड़ों रुपए खर्च कर रहा है। उसी के तहत कुछ समय पहले जिला अस्पताल में ट्रामा सेंटर का नया भवन बनाया था। बनने के बाद इसमें अस्पताल शिफ्ट हो चुका है। बढ़ती मरीजों की संख्या और सामने आ रही अव्यवस्थाओं के चलते स्वास्थ्य विभाग ने इसे गंभीरता से लिया है। अस्पताल की दशा दिशा बदलने कवायद करना शुरू कर दी है। २३ सितंबर से इसका श्रीगणेश होते ही मरीजों को इसका लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।
पर्ची बनवाने में कतार से मिलेगी निजात मरीजों के परिजनों को काफी देर तक कतार में खड़ा होना पड़ता था, तब कहीं जाकर पर्ची बनती थी। अस्पताल में गुरुवार से ट्रायल के तौर पर दो महिला, दो पुरूष काउंटर की व्यवस्था की है। खास बात यह है कि सीनियर सीटीजन का भी ध्यान रखते हुए उनके लिए अलग काउंटर स्थापित किया है। प्रबंधन दो दिन बाद इसे स्थाई तौर पर कर करेगा। बता दे कि काउंटर संख्या कम होने की समस्या पत्रिका ने भी प्रमुखता से उठाई थी।
ऐसे मरीज ले सकेंगे लाभ सिविल सर्जन डॉ. भरत आर्य ने बताया कि अब अस्पताल में आने वाले मरीजों का काउंटर से ओपीडी का पर्चा बनाना पड़ेगा।इस पर्चे को लेकर मरीज डॉक्टर के पास जाएंगे।डॉक्टर जांच कर प्राथमिक बीमारी का पता करेंगे।गंभीर बीमारी हैतो उसको भर्ती कर लिया जाएगा। उसी वार्ड में आयुष्मान मित्र जाएंगे। यहां पर सभी योजनाओं का मिलान किया जाएगा। वहीं मरीज से आधार कार्ड आदि लेकर दस्तावेज को कंप्यूटर पर स्कैन किया जाएगा। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद मरीज का सिल्वर और गोल्डन कार्ड जनरेट किया जाएगा। इस कार्ड को मरीज को दिया जाएगा। यदि मरीज सरकारी अस्पताल में इलाज कराना उचित नहीं समझतेे हैं तो कार्ड के माध्यम से प्राइवेट में संभव होगा। इसके लिए संबंधित अस्पताल आयुष्मान भारत योजना के तहत इनपेनाल्ड (सरकार की लिस्ट में नाम जुड़ा) होना चाहिए। सिविल सर्जन की माने तो योजना में पांच लाख रुपए तक का इलाज मुफ्त में होगा।
इनका कहना है अस्पताल में दो दिन बाद बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। काउंटर संख्या ट्रायल के आधार पर बढ़ाई है। आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों का कार्ड बनाया जाएगा। डॉ. भरत आर्य, सिविल सर्जन जिला अस्पताल सीहोर