खाली हो गई नदी
पिछले साल औसत से अधिक बारिश होने और दूसरा बैराज के समय पर गेट लगने से पार्वती नदी में भरपूर पानी था। इस पानी से नदी के आसपास के कई किसानों ने पहले पलेवा और बाद में ङ्क्षसचाई कर ली। कहने को नगर पालिका ने पानी चोरी रोकने टीम बनाई थी, लेकिन यह टीम कहने मात्र की रह गई। इस वजह से नदी समय से पहले खाली हो गई। अब वापस रामपुरा जलाशय के पानी से नदी भर जाएगी। अब फिर से नपा के सामने इस पानी को चोरी होने से रोकना एक बड़ी चुनौती बनेगा। नपा ने समय रहते गंभीरता नहीं दिखाई तो आगामी दिनों में दोबारा रामपुरा जलाशय से पानी छुड़वाने की नौबत आ सकती है।
गांवों में बढ़ रहा संकट
फरवरी महीने का अभी तीसरा सप्ताह चल रहा है, उसी में ग्रामीण क्षेत्रों में जलसंकट गहराने लगा है। कई जलस्त्रोत (ट््यूबवेल, हैंडपंप, कुएं) का जलस्तर पाताल में पहुंच गया है। इससे कई ट््यूबवेल, हैंडपंप रुक-रुक कर पानी दे रहे हैं, तो कई ने पूरी तरह से जवाब दे दिया है। ग्रामीणों ने बताया कि अभी तो गर्मी के मौसम ने दस्तक भी नहीं दी है उससे पहले ही यह हाल बन गए, तो आगामी दिनों में क्या होगा समझ नहीं आ रहा है। हर साल गांवों में पानी की समस्या उत्पन्न होने से लोगों को दूर दराज से लाकर काम चलाना पड़ता है। &आष्टा नगर पालिका की डिमांड मिलने पर रामपुरा जलाशय से पार्वती नदी को भरने के लिए 2.25 एमसीएम पानी छोड़ गया है। नपा ने पानी छुड़वाने के एवज में पांच लाख रुपए की डीडी दी है।
-एमके शर्मा, एसडीओ ङ्क्षसचाई विभाग आष्टा।
ङ्क्षसचाई विभाग के अधीन रामपुरा जलाशय के पानी से आसपास के करीब 20 गांव के किसान 1700 हेक्टेयर जमीन में ङ्क्षसचाई करते हैं। ङ्क्षसचाई विभाग किसानों को जलापूर्ति करने के बाद भी जलाशय में आष्टा शहर की पानी पूर्ति करने 4.25 एमसीएम पानी रिजर्व रखता है। भले ही किसानों को पानी नहीं मिले, लेकिन आष्टा के लिए पानी जरूर रखा जाता है।