जैविक खाद से बचा जा सकता है बीमारियों से
किसानों की माने तो जमीन की गुणवत्ता में जैविक खेती से सुधार आता है और जमीन की जल-धारण क्षमता भी बढ़ जाती हैं। जैविक खेती से उपजी फसलों के उपयोग से हमारे शरीर को पारम्परिक रूप से पौष्टिक तत्व मिलते हैं, जिससे शरीर को कई प्रकार के विषाक्त तत्वो से बचाया जा सकता है। इसके साथ ही पशुओं के गोबर तथा कचरे के प्रयोग से जैविक खाद बनाने से वातावरणीय प्रदूषण में भी कमी आती हैं।
किसानों की माने तो जमीन की गुणवत्ता में जैविक खेती से सुधार आता है और जमीन की जल-धारण क्षमता भी बढ़ जाती हैं। जैविक खेती से उपजी फसलों के उपयोग से हमारे शरीर को पारम्परिक रूप से पौष्टिक तत्व मिलते हैं, जिससे शरीर को कई प्रकार के विषाक्त तत्वो से बचाया जा सकता है। इसके साथ ही पशुओं के गोबर तथा कचरे के प्रयोग से जैविक खाद बनाने से वातावरणीय प्रदूषण में भी कमी आती हैं।
किया जा रहा जैविक खेती का कार्य
किसान कल्याण तथ कृषि जिला परियोजना संचालक (आत्मा) आरएल प्रजापति ने बताया कि जिले में जैविक खेती का रकबा बढ़ाने के लिए योजना अन्तर्गत जिले में 30 क्लस्टर के अन्तर्गत 1500 कृषकों द्वारा 1500 एकड़ में जैविक खेती का कार्य किया जा रहा है
किसान कल्याण तथ कृषि जिला परियोजना संचालक (आत्मा) आरएल प्रजापति ने बताया कि जिले में जैविक खेती का रकबा बढ़ाने के लिए योजना अन्तर्गत जिले में 30 क्लस्टर के अन्तर्गत 1500 कृषकों द्वारा 1500 एकड़ में जैविक खेती का कार्य किया जा रहा है
कृषकों द्वारा विभिन्न जैविक विधियों का उपयोग कर फसल कार्य किया जा रहा है। कृषि विकास योजना में कृषकों द्वारा हरी, खाद, जैविक काढ़ा ईकाई, तरल जैव उर्वरक, फास्फेट युक्त जैविक खाद, तरल जैव पेस्टिसाइड का प्रयोग किया जा रहा है।
किसानों को मिल रही पांच हजार की अनुदान राश्रि
योजना के अनुसार कृषकों द्वारा वर्मी कम्पोस्ट ईकाई का निर्माण किया गया है जिससे खेत के फसल अवशेष से वर्मी कंपोस्ट खाद तैयार करके उपयोग किया जा रहा है।
वर्मी कम्पोस्ट इकाई के लिए किसानों के द्वारा निर्माण करने के उपरांत किसान के बैंक खाते में 5 हजार रुपए राशि अनुदान के रूप में दी जा रही है। चयनित कृषकों का पीजीएस पोर्टल पर पंजीयन किया गया है जिससे कृषकों को जैविक उत्पाद पैदा करने पर प्रमाणीकरण होगा। जिससे फसल उत्पाद बेचने में किसानों को लाभ मिलेगा।
योजना के अनुसार कृषकों द्वारा वर्मी कम्पोस्ट ईकाई का निर्माण किया गया है जिससे खेत के फसल अवशेष से वर्मी कंपोस्ट खाद तैयार करके उपयोग किया जा रहा है।
वर्मी कम्पोस्ट इकाई के लिए किसानों के द्वारा निर्माण करने के उपरांत किसान के बैंक खाते में 5 हजार रुपए राशि अनुदान के रूप में दी जा रही है। चयनित कृषकों का पीजीएस पोर्टल पर पंजीयन किया गया है जिससे कृषकों को जैविक उत्पाद पैदा करने पर प्रमाणीकरण होगा। जिससे फसल उत्पाद बेचने में किसानों को लाभ मिलेगा।