मौत के एक साल बाद तक घूमती है इंसान की डेड बॉडी, ऑस्ट्रेलिया की वैज्ञानिक का दावा
कॉलेज लंदन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की मानें तो इस ग्रह का तापमान ज़िंदगी के पनपने के लिए बिलकुल सही है। और ये अपने तारे से पास भी स्थित है। इसका मतलब ये होगा कि ये 33 दिनों में अपने ऑर्बिट का चक्कर लगाता है और हमारी पृथ्वी को यही काम करने में 365 दिन लगते हैं। ऐसा इसलिए है क्यों कि ये नया ग्रह अपने तारे से पास है और पृथ्वी से उसका तारा सूरज काफी दूर है। इसका मतलब है इसके साल छोटे होंगे।
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बता दें कि इस सुपर अर्थ को साल 2015 में नासा के केप्लर स्पेसक्राफ्ट ने देखा था। लेकिन जो डाटा हाल ही में मिला है वह चौंका देने वाला है। इस ग्रह का तापमान, वातावरण और पानी सब सही होने के आसार हैं। अनुमान लगाया जा सकता है कि यहां जीवन हो सकता है। ग्रह के वायुमंडल में जल वाष्प दिखने की वजह से पता चलता है कि यहां चट्टान और बर्फ हो सकता है।