हालांकि महिलाओं की आवाज का पुरुषों पर क्या असर होता है, अध्ययन में ये बात सामने नहीं आ पाई। इसी से जुड़े एक अध्ययन में कहा गया है कि अगर आप किसी से बात करते हुए दूसरी तरफ देखने लगते हैं तो आपको उस व्यक्ति की सारी बातें देर तक याद रहती हैं। मसलन स्कूल में जो स्टूडेंट क्लास में टीचर की तरफ ना देखकर कहीं और देख रहे होते हैं उन्हें टीचर की बातें ज़्यादा याद रहती हैं। यानी अब तम सुनते आ रहे थे कि ध्यान से सुनना हो तो आंखों में आंखें डालकर सुनना चाहिए, ये बात किसी काम की नही।
दुनिया में सबसे कमजोर याद्दाश्त मछलियों की होती है, वो महज एक सेकेंड में सब कुछ भूल जाती हैं। एक रिसर्च के मुताबिक 7 अंकों का कोड या फोन नंबर याद करना काफी आसान होता है ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हमारी Short Term Memory में एक साथ ज्यादा से ज्यादा 7 यादें ही स्टोर हो पाती हैं।
ये तो सभी जानते हैं कि आप और हम अपने जीवन में हुई बुरी घटनाओं से हमेशा परेशान रहते हैं। समय समय पर अनचाहे ही ये बुरे हादसे हमें बैचेन कर डालते हैं। लेकिन जल्द ही ये सिलसिला खत्म होने वाला है क्योंकि वैज्ञानिक ऐसा प्रोटीन तैयार कर रहे हैं जिसे कंटरोल करके बुरी यादों को जड़ से मिटाया जा सकेगा। यानी आप चाहें तो अच्छी यादों को दिमाग में स्टोर कर सकेंगे और बुरी यादों को जेहन से हमेशा के लिए मिटा पाएंगे।
अमेरिका के एम्सटरडम विश्वविद्यालय में किए गए एक प्रयोग में कुछ लोगों के दिमाग से मकड़ी के डर को दवा देकर निकाल डाला गया। ये लोग मकड़ी से डरते थे और ऐसे लोगों को नियमित तौर पर दवा दी गई जिससे वो मकड़ी से डरना भूल बैठे।
अमेरिका में विज्ञान पर आधारित एक चैनल नोवा में टीवी सीरीज में भी कुछ इस तरह के अध्ययन की बात की गई थी। मेमोरी हैकर नामक इस प्रोग्राम में संभावना जताई गई थी कि विज्ञान चाहे तो आने वाले सालों में व्यक्ति के दिमाग से अनचाही यादों को डिलीट कर सकता है औऱ चुनिंदा यादों को इम्प्लांट भी कर सकता है।
इस बारे में वैज्ञानिक समुदाय का भी यही कहना है कि संभव तौर पर दिमाग में एक विशेष तरह के प्रोटीन का उत्पादन करके इन Neurons को रोका जा सकता है। अगर डर और बुरी यादें पैदा करने वाले Neurons को नाकाम कर दिया जाए तो फिर दिमाग में मौजूद बुरी यादों को मिटाया जा सकता है। यानी इस बात की पूरी संभावना बन रही है कि आने वाले समय में हम जीवन में केवल अच्छा ही अच्छा याद रख पाएंगे।