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धरती की गहराई में मिला हीरों का खजाना, चांद से भी पुराना है इसका नाता

Published: Aug 17, 2019 04:37:32 pm

Submitted by:

Soma Roy

lava reservoir found : 4.5 बिलियन वर्ष पुराना है लावा जलाशय और हीरों का खजाना
ज्वालामुखी विस्फोट से निकले हीरों की हुई जांच

daimond
नई दिल्ली। धरती की गहराई खुद में अनगिनत चीजें समेटे हुई है। हाल ही में वैज्ञानिकों ने धरती की सतह से करीब 250 मील की गहराई पर हीरों का खजाना ढूंढ निकाला है। इतना ही नहीं सांइटिस्टों ने एक पुराने लावा जलाशय की भी खोज की है। बताया जाता है कि ये जलाशय चांद की उत्पत्ति जैसा ही पुराना है।
नई दिल्ली। धरती की गहराई खुद में अनगिनत चीजें समेटे हुई है। हाल ही में वैज्ञानिकों ने धरती की सतह से करीब 250 मील की गहराई पर हीरों का खजाना ढूंढ निकाला है। इतना ही नहीं सांइटिस्टों ने एक पुराने लावा जलाशय की भी खोज की है। बताया जाता है कि ये जलाशय चांद की उत्पत्ति जैसा ही पुराना है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक उन्हें धरती की सतह में एक ऐसा लावा जलाशय और हीरों का खजाना मिला है जो काफी प्राचीन है। बताया जाता है कि ये लगभग 4.5 बिलियन वर्ष पुराना है। उस वक्त चांद की उत्पत्ति हुई थी। वहीं कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार चांद के वजूद से पहले ये लावा जलाशय बना था। इस बात की पुष्टि अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों ने ज्वालामुखी विस्फोट से सतह पर आए हीरों की जांच करके की।
treasure found
लावा जलाशय और हीरे कैसे बने यह अभी भी एक रहस्य है, लेकिन ब्राजील के नीचे एक ऐसे प्राचीन शरीर की मौजूदगी पाई गई है। पृथ्वी की सतह से ज्वालामुखी विस्फोट के जरिए निकाले गए हीरों पर ज्यादा अध्ययन करने के लिए ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और ब्राजील के शोधकर्ता आगे आए हैं।
ऑस्ट्रेलिया नेशनल यूनिवर्सिटी के अध्ययन के सह-लेखक डॉ सुज़ेट टिम्मरमैन का कहना है कि हीरे अविनाशी प्राकृतिक पदार्थ हैं, इसलिए वे एक सही समय कैप्सूल बनाते हैं जो हमें गहरी पृथ्वी की सतह के बारे में जानने में मदद करते हैं।

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