नासा के वैज्ञानिकों के मुताबिक, ऐसे बड़े धमाकों की वजह को किलोनोवा कहा जाता है। ये धमाके दिखने में चमकदार होते हैं इनमें से रेडियोऐक्टिव लाइट के साथ यूनिवर्स में सिल्वर, गोल्ड, प्लैटिनम और यूरेनियम जैसी कीमती धातुएं बिखर जाती हैं। हालांकि, जो भी ब्रह्मांड में होता है वो पृथ्वी से बहुत दूर हो रहा है।
सिगरेट पीने के हैं शौकीन तो हो जाएं सतर्क,शराब से भी है ज्यादा खतरनाक आपकों बता दें कि वैज्ञानिकों ने जिस GRB150101B ऑब्जेक्ट की खोज की उससे सब तरीके की जानकारी मिलती है। इसको पहले भी GW170817 को 2017 में ढूंढा गया था। जिसमें न्यूट्रॉन स्टार का विलयन हुआ था। ऐसी खोज को भौतिकी विज्ञान में सबसे अनोखा माना गया है।
तारा मंडल में GW170817 और GRB150101B में कई समनाताएं मिली हैं। एक स्टडी के मुताबिक, ये दोनों अलग ऑब्जेक्ट कई एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। जब इनमें धमाका होता है उस वक्त दोनों में ही गामा विस्फोट होता है, जिससे तेज नीली लाइट निकलती है।
हालांकि, इन दोनों में कुछ असमानताएं भी हैं। जैसे, GW170817 जो है वह GRB150101B की तुलना में पृथ्वी के ज्यादा पास है। GRB150101B की पृथ्वी से दूरी 1.7 बिलियन लाइट इयर और GW170817 की दूरी 130 मिलियन लाइट इयर है। वैज्ञानिक अब दोनों के बारे में ज्यादा जानकारी जुटा रहे हैं।