scriptकैंसर पर रिसर्च के लिए मिला 47 करोड़ रुपए का इनाम | for research in cancer get award of ruppes 7 lacs | Patrika News

कैंसर पर रिसर्च के लिए मिला 47 करोड़ रुपए का इनाम

locationजयपुरPublished: Oct 04, 2018 08:27:29 pm

Submitted by:

manish singh

भारतीय मूल के अमरीकी नागरिक डॉ. अरुल चिन्नैया अमरीका की यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन मेडिकल स्कूल के ट्रांसलेसनल पैथोलॉजी विभाग में प्रोफेसर हैं।

cancer, reseach, india, america, award

कैंसर पर रिसर्च के लिए मिला 47 करोड़ रुपए का इनाम

भारतीय मूल के अमरीकी नागरिक डॉ. अरुल चिन्नैया अमरीका की यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन मेडिकल स्कूल के ट्रांसलेसनल पैथोलॉजी विभाग में प्रोफेसर हैं। हाल ही इन्होंने कैंसर बायोमार्कर तैयार किया है जिससे कैंसर जैसी घातक बीमारी को समय रहते पहचानकर टारगेटेड थैरेपी से ठीक किया जा सकता है। आविष्कार के लिए यूएस नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट की ओर से 6.5 मिलियन अमरीकी डॉलर (करीब 47 करोड़ 13 लाख 47 हजार 500 रुपए) की राशि इनाम के तौर पर मिली है। इस रकम से वे रिसर्च को आगे बढ़ाएंगे जो इन्हें सात वर्षों में मिलेगी।

बायोमार्कर प्रिसिजन ऑन्कोलॉजी के तहत मरीज की जीन सिक्वेंसिंग तैयार करने के बाद उसकी दवाओं और थैरेपी का निर्धारण किया जाता है जिससे दवा तेजी से असर करती है। चिन्नैया मैरीलैंड स्थित हार्वर्ड मेडिकल इंस्टीट्यूट के रिसर्चर रहे हैं। 1999 में इन्होंने मिशिगन यूनिवर्सिटी से ही एमडी और पीएचडी की है। कैंसर पर शोध में इनकी विशेषज्ञता है। 2008 में अमरीकन एसोसिएशन फॉर कैंसर रिसर्च की ओर से आउटस्टैंडिंग अचीवमेंट इन कैंसर अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है। 2007 में इन्हें एसोसिएशन की ओर से ‘टीम साइंस’ अवॉर्ड दिया गया था।

पता कर रहे, क्यों फैलता है कैंसर

इनकी टीम ने मॉलीक्यूलर एनालिसिस पर काम किया है। इसमें शरीर में फैले ट्यूमर की 500 मरीजों की बायोप्सी ली गई। रिसर्च के बाद पाया कि जीन्स को समय रहते नियंत्रित कर लिया जाए तो ट्यूमर को फैलने से रोका जा सकता है। इनकी टीम कैंसर होने पर जीन्स को नियंत्रित करने की तकनीक पर काम कर रही है जिससे कैंसर दूसरे अंगों तक न फैले।

कोशिकाओं की स्टडी

2010 में इन्होंने रीगेल कैंसर सेंटर में मिशिगन ऑन्कोलॉजी सिक्वेंसिंग प्रोग्राम को लॉन्च किया था। इसके तहत कैंसरग्रस्त मरीज के डीएनए और आरएनए पर रिसर्च कर कैंसर और स्वस्थ कोशिकाओं के बारे में पता किया जाता है। इससे शरीर की सभी कोशिकाओं की क्रमबद्ध जानकारी मिलती है जिससे बीमारियों का कारण जान उसका सरल इलाज संभव होगा।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो